मुंबई। मैं दाऊद और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से लड़ा और अब सीबीआई मुझ पर ही आरोप लगा रही है। शनिवार को अपने वकील महेश जेठमलानी के जरिये गुजरात के आईपीएस अधिकारी राजकुमार पांडियान ने बांबे हाई कोर्ट में यह दलील दी। सीबीआई ने सोहराबुद्दीन शेख मुठभेड़ मामले में पांडियान को बरी करने के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी है। सीबीआई ने 2010 में गुजरात सीआईडी से मुठभेड़ मामले की जांच अपने हाथ में ले ली थी। सीबीआई ने पांडियान पर फर्जी सबूत गढ़ने का आरोप लगाया है।
वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने कोर्ट को बताया मेरे (पांडियान के) पास यह साबित करने के लिए पुख्ता दस्तावेजी सुबूत हैं कि कथित अपहरण के दिन मैं हैदराबाद में नहीं था। सीबीआई के मुताबिक सोहराबुद्दीन, उसकी पत्नी कौसर बी और उसके साथी तुलसीराम प्रजापति का गुजरात पुलिस ने 22 नवंबर 2005 की रात अपहरण कर लिया था। तब वे तीनों एक निजी बस से हैदराबाद से सांगली जा रहे थे।
हैदराबाद से पकड़ी थी अहमदाबाद की फ्लाइट
पांडियान की ओर से अधिवक्ता ने कहा मैंने 23 नवंबर 2005 को अहमदाबाद जाने के लिए हैदराबाद से फ्लाइट पकड़ी थी। सीबीआई का दावा है कि मैं कभी फ्लाइट से नहीं गया। मुझे कवर-अप करने मेरे टिकट पर कांस्टेबल अजय परमार ने विमान से यात्रा की। उन्होंने कहा यहां यह बताना उचित होगा कि वह एयर इंडिया की एक अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट थी, जहां हर यात्री का पहचान-पत्र चेक किया गया था। सीबीआई ने हैदराबाद एयरपोर्ट पर जमा कस्टम घोषणा फॉर्म पेश किया, जो पांडियान के नाम से भरा था, लेकिन हस्ताक्षर परमार के दिख रहे थे।