मुंबई। पंजाब नेशनल बैंक में हुए 11 हजार करोड़ रुपए का घोटाला सभी ओर सुर्खियों में है। हर न्यूज चैनल, समाचार और अखबार में इसी घोटाले को लेकर खबरें और चर्चाएं चल रही है। लेकिन इन सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि भारतीय बैंकों ने सिर्फ 9,339 लोगों को इससे ज्यादा राशी बतौर कर्ज के रूप में दे रखी है। और यह कर्जदार लोन ली गई राशी को जानबूझकर लौटा नहीं है। यह वो लोग है जो कर्ज चुकाने की क्षमता तो रखते है लेकिन कर्ज नहीं चुका रहे हैं, बैंकिंग क्षेत्र में ऐसे डिफॉल्टरों को विलफुल डिफॉल्टर कहा जाता है। आंकड़ों के अनुसार सिंतबर 2017 तक 7564 कर्जदारों ने सरकारी बैंकों का 93,357 करोड़ रुपए नहीं चुकाए है। सन् 2013 के बाद से विलफुल डिफॉल्ट 340 फीसदी बढ़त हुई है। हालांकि भारतीय रिजर्व बैंक ने विलफुल डिफॉल्टरों की पूरी लिस्ट जारी नहीं है। ऐसे डिफॉल्टरों को सरकारी बैंकों ने सबसे ज्यादा लोन दिया है। भारतीय स्टेट बैंक की 27,716 करोड़ रुपए की राशी ऐसे लोनधारकों के पास फंसी हुई है। इसमें सबसे बड़ा डिफॉल्टर किंगफिशर एयरलाइंस है जिसने बैंक का 1286 करोड़ रुपए नहीं चुकाया है। जानकारी के मुताबिक 9339 कर्जदाताओं के पास विभिन्न बैंकों का 1,11,738 करोड़ रुपए फंसा हुआ है। विजय माल्या, नीरव मोदी की तरह यदि यह डिफॉल्टर भी सरकार को चकमा देकर देश से भाग जाते हैं तो पूरे बैंकिंग सिस्टम पर बुरा असर पड़ेगा।