नई दिल्ली। साइबर धमकी और वीडियो गेम की लत जैसे आॅनलाइन खतरों का शिकार होने वालों में सबसे ज्यादा संख्या 8 से 12 साल के बच्चों की होती है, इसमें भी भारत जैसी उभरती अर्थव्यस्थाओं में यह हालात तेजी से बढ़ रहे हैं।
50 फीसदी बच्चे इंटरनेट के प्रभाव में
विश्व आर्थिक मंच और डीक्यू इंस्टीट्यूट की एक संयुक्त रिपोर्ट के मुताबिक 8 से 12 साल की उम्र वाले 50 प्रतिशत से अधिक बच्चे साइबर धमकी (बुलिंग), वीडियो गेम की लत, आॅफलाइन मिलने-जुलने, गलत जानकारी और यौन बातों के बारे में आॅनलाइन जानना इत्यादि आॅनलाइन खतरों के प्रति अति संवेदनशील होते हैं।
इंटरनेट को स्वीकार करने की गति बेहद तेज
महत्वपूर्ण बात यह है कि उभरती अर्थव्यवस्थाओं में यह समस्या तेजी से बढ़ रही है, जहां इंटरनेट को स्वीकार करने की गति बेहद तेज है और इसे लेकर अभिभावकों, उद्योग जगत या सरकार की ओर से उचित सुरक्षात्मक उपाय नहीं किए गए हैं। डीक्यू इंपैक्ट रिपोर्ट-2018 का मकसद छोटे-छोटे बच्चों के सामने पेश आ रहे डिजिटल खतरों के बारे में सरकार, उद्योग जगत और सिविल सोसायटी को जागरुक करना है ताकि इस मामले में वह अभिभावकों की मदद कर सकें।