अयोध्या। अयोध्या स्थित श्रीराम जन्मभूमि/बाबरी मस्जिद के पक्षकारों एवं धर्मगुरूओं ने कहा है कि गुरूवार से उच्चतम न्यायालय में इस मामले की हो रही सुनवाई अब निरन्तर होनी चाहिए। श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष एवं मणिराम दास छावनी के महंत नृत्यगोपाल दास के उत्तराधिकारी एवं विश्व हिन्दू परिषद के केन्द्रीय मार्गदर्शक मण्डल के सदस्य कमल नयन दास ने कहा कि इस विवाद की शुरू हो रही सुनवाई लगातार होनी चाहिए।
विवादित श्रीराम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास शास्त्री ने कहा कि इस मसले के जल्द हल होना चाहिए। इसके खातिर सुनवाई रुकनी नहीं चाहिए। इसका निपटारा इसलिए आवश्यक हो गया है कि देश में सौहार्द वातावरण बना रहे। जहाँ रामलला विराजमान हैं उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में उस स्थान को भगवान राम का जन्मस्थान बताया है। उन्होंने कहा कि काफी समय से भगवान राम टाटपट्टी में हैं और अब वहां मन्दिर निर्माण आवश्यक हो गया है। मुख्य पुजारी ने कहा कि राम मंदिर विवाद की सुनवाई अब लगातार होनी चाहिये जिससे इसका निर्णय समय से आ सके।
दिगम्बर अखाड़ा के महंत सुरेश दास ने कहा कि उच्च न्यायाय ने तो अपने आदेश में कह दिया है कि जहाँ रामलला विराजमान हैं वह भगवान राम की जन्मभूमि है। अब देश के सर्वोच्च न्यायालय का मुहर लगना है जिससे भगवान राम का मंदिर भव्य रूप से बन सके। उन्होंने यह भी कहा कि इसकी सुनवाई निरंतर होनी चाहिए।
महंत कौशल किशोर शरण ने कहा कि राम जन्मभूमि विवाद की सुनवाई उच्चतम न्यायालय में कल से शुरू हो रहा है मैं भी चाहता हूँ कि अब इसका निपटारा शीघ्र हो जाय जिससे देश में अमन-चैन बना रहे। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि इस विवाद का निपटारा उच्चतम न्यायालय शीघ्र कर देगा, क्योंकि दोनों हिन्दू और मुस्लिम पक्षकार के वकील एकदम तैयार हैं और इस विवाद का अंत शीघ्र होगा जिससे देश में सौहार्द वातावरण बना रहेगा।