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संसद में बोले मोदी - छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता, टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Feb 7 2018 2:27PM | Updated Date: Feb 7 2018 2:28PM
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई लोकसभा में चर्चा का जवाब दिया और कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। पीएम ने विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच लोकसभा में बोलना शूरू किया। 
 
पीएम मोदी ने पढ़ें शेर
विपक्ष का कहना था उसे अपनी बात कहने नहीं दिया जा रहा है और उसकी आवाज को दबाया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने विपक्ष की नारेबाजी के बीच मशहूर शायर डॉ. बशीर बद्र के दो शेर पढ़े। पीएम ने कहा - दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे, जब कभी हम दोस्त हो जाएं तो शर्मिंदा न हों।
 
जी बहुत चाहता है सच बोलें... 
इसके अलावा मोदी ने मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा इस्तेमाल किए गए बशीर बद्र के शेर का जिक्र किया। उसके जवाब में मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि, जी बहुत चाहता है सच बोलें, क्या करें हौसला नहीं होता। मोदी बोले कि कांग्रेस अपने गीत गाती है और आंख बंद करके रहती है। 
 
वाजयेपी का किया जिक्र 
पीएम मोदी ने अटल बिहारी वाजयेपी का जिक्र करते हुए उनकी कविता की भी लाइन पढ़ी कि 'छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता और टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता। गौरतलब है कि अयोध्या में 15 फरवरी 1935 को पैदा हुए बशीर बद्र को आम आदमी का शायर माना जाता है। उनकी शायरी का अंग्रेजी और फ्रेंच में भी अनुवाद हो चुका है। 
 
पद्मश्री से सम्‍मानित बशीर बद्र
बशीर बद्र सिर्फ 7 साल की उम्र से ही शेरो शायरी करना शुरू कर दिया था। उन्हें 1999 में पद्मश्री और उर्दू के साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाजा गया। कहा जाता है कि बशीर बद्र ने उर्दू गजल को एक नया लहजा दिया। जिंदगी की आम बातों को बेहद खूबसूरती से अपनी शायरी में पिरोना बशीर बद्र की सबसे बड़ी खासियत है।
 
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