नई दिल्ली। केंद्रीय कौशल विकास राज्य मंत्री अनंत कुमार हेगड़े के संविधान को लेकर दिए गए बयान के लिए लोकसभा में माफी मांगने के बाद सदन में जारी गतिरोध समाप्त हो गया।
सदन की कार्यवाही शुरू होने पर विपक्षी सदस्य हेगड़े से माफी मांगने को लेकर शोर-शराबा करने लगे। कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से कहा कि हेगड़े सदन में मौजूद हैं और उन्हें अपने बयान पर स्पष्टीकरण देना चाहिए।
शोरशराबे के बीच ही हेगड़े ने सफाई देते हुए कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं हो सकती कि संविधान सर्वोपरि है और एक नागरिक होने के नाते वह इसके खिलाफ नहीं जा सकते हैं। संविधान, संसद और बाबा भीमराव अंबेडकर के प्रति उनका पूरा सम्मान है।
हेगड़े के इस बयान से विपक्ष संतुुष्ट नहीं हुआ और खड़गे ने अपनी सीट से खड़े होकर कहा कि मंत्री अपने पहले के बयान को कमतर करके बता रहे हैं। इस पर अध्यक्ष ने हेगड़े से कहा कि कभी-कभी मंशा न होने के बावजूद सामने वाला दूसरे की बात से आहत हो जाता है। ऐसे में माफी मांगने से कोई छोटा नहीं होता। इसके बाद हेगड़े ने कहा कि यदि उनके बयान से किसी की भावनायें आहत हुई है, तो उन्हें क्षमा मांगने में कोई ऐतराज नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि उनके बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है।