इस्लामाबाद/नई दिल्ली। पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव (47) की उनकी पत्नी और मां के साथ इस्लामाबाद में सोमवार को मुलाकात हुई। यह मुलाकात करीब 35 से 40 मिनट चली। मानवीय आधार पर हुई इस मुलाकात में जाधव को अपनी मां और पत्नी से सीधे तौर पर नहीं मिलने दिया गया। उनके बीच एक शीशे की दीवार थी और इंटरकॉम के जरिए बात कराई गई। इतना ही नहीं उसका स्पीकर भी आॅन रखा गया और बातों की रिकॉर्डिंग की गई। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर इस मुलाकात में मानवीय संवेदनाओं का ख्याल क्यों नहीं रखा गया। फोटो में जाधव काफी कमजोर दिख रहे हैं। उनके सिर पर खून के थक्के के जमने के निशान भी दिखाई दे रहे हैं।
जाधव की मां एवं पत्नी सोमवार दोपहर करीब 12.30 बजे इस्लामाबाद पहुंची थीं, जहां हवाई अड्डे पर पाकिस्तानी विदेश एवं गृह मंत्रालयों के अधिकारी तथा भारतीय उपउच्चायुक्त जेपी सिंह मौजूद थे। इसके बाद दोनों को विदेश मंत्रालय कार्यालय जाधव से मिलने ले जाया गया।
भारतीय राजनयिक ने नहीं सुनी बातचीत
भारतीय राजनयिक जेपी सिंह भी जाधव के परिवार के साथ गए थे लेकिन उन्हें जाधव और उनके परिवार के बीच हुई बातचीत सुनने की इजाजत नहीं मिली। उन्हें कुछ दूरी पर बिठाया गया था। उनके बीच भी एक कांच की दीवार थी, जिससे वे कुछ सुन न पाएं।
पाकिस्तान के अफसरों ने ऐसे कराई मुलाकात
जाधव और उनके परिवार के बीच कांच की दीवार थी और वे इंटरकॉम के जरिए अपने परिवार से बात कर रहे थे। इतना ही नहीं फोन का स्पीकर आॅन करके बातचीत कराई गई। जाधव जो बोल रहे थे, वो एक स्पीकर फोन के जरिए रिकॉर्ड किया जा रहा था। स्पीकर फोन की आवाज कांच की दूसरी तरफ जाधव की मां और पत्नी तक पहुंचती। इसी तरह बातचीत हुई। जाधव करीब 22 महीने बाद अपने परिवार से मिले।
तीन टीवी कैमरे लगाए
इस मुलाकात को पाकिस्तान ने तीन टीवी कैमरों से रिकॉर्ड किया। दो सीसीटीवी कैमरे भी वहां लगे थे। कक्ष के दोनों ओर बातचीत इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से हो रही थी ताकि मुंह से निकला एक भी शब्द रिकॉर्ड से बाहर ना रहे। कोई किसी को फुसफुसा कर या इशारों से भी कुछ नहीं कह सकता था। बातचीत को रिकॉर्ड करने के लिए अत्याधुनिक सेंसर लगे उपकरण लगाए गए थे।
मौत की सजा सुना चुका है पाक
पाकिस्तान का कहना है जाधव को गत वर्ष मार्च में बलूचिस्तान प्रांत से गैरकानूनी रूप से पाकिस्तान में प्रवेश करने व जासूसी की गतिविधियों में संलिप्त रहने के आरोप में गिरफ्तार किया था। वहीं भारत ने कहा है कि भारतीय नौसेवा से सेवानिवृत्त अफसर जाधव का ईरान से अपहरण किया गया था। जाधव को पाक प्की सैन्य अदालत ने इसी वर्ष मौत की सजा सुनाई थी। इसके विरोध में भारत ने अंतरराष्ट्रीय कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जहां जाधव की फांसी पर आखिरी फैसले तक रोक लगा दी गई थी।