नई दिल्ली। संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो गया है औऱ ये 5 जनवरी तक चलेगा। शीतकालीन सत्र के काफी हंगामेदार रहने के आसार है। विपक्ष की ओर से सरकार को गुजरात चुनाव की वजह से सत्र में देर करने के अलावा, जीएसटी, नोटबंदी, राफेल खरीद मुद्दा, किसानों से जुड़े मुद्दों समेत कई और मुद्दों पर घेरने का प्रयास किया जा सकता है। गुजरात चुनाव परिणाम का भी सत्र पर प्रभाव दिखने के आसार हैं। पीएम ने लोकसभा में संबोधित करते हुए नए मंत्रियों का परिचय कराया।
सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- संसद के शीतकालीन सत्र में अच्छी एवं सकारात्मक चर्चाएं होंगी और नवोन्मेषी सुझाव सामने आएंगे। सकारात्मक बहस लोकतंत्र को मजबूत करेगी और देश को आगे ले जाएगी। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा- प्रधानमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री, उप-राष्ट्रपति और डिप्लौमेट्स पर गुजरात चुनावों में पाकिस्तान के साथ साठ-गांठ करने का आरोप आरोप लगाए हैं। प्रधानमंत्री को इस बात पर संसद में सफाई देनी पड़ेगी।
सत्र के दौरान तीन बिल लाने का प्रस्ताव है जिसमें वस्तु एवं सेवा कर अध्यादेश (जीएसटी ऑर्डिनेंस), 2017 की जगह पर बिल लाने का प्रस्ताव शामिल है।यह अध्यादेश 2 सितंबर 2017 को जारी किया गया था।इसके अलावा ऋण शोधन और दिवाला संहिता (इन्सालवेंसी एंड बैंकरप्सी कोड) (संशोधन) अध्यादेश, 2017 की जगह पर भी बिल लाने का प्रस्ताव है।
सरकार का भारतीय वन (संशोधन) अध्यादेश, 2017 की जगह पर भी बिल लाने का प्रस्ताव है। सरकार का तीन तलाक पर लगी रोक को कानूनी जामा पहनाने के लिए भी बिल पेश करने, पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिलाने वाले संविधान संशोधन बिल फिर से लाने का इरादा है। सत्र के दौरान नागरिकता संशोधन बिल 2016, मोटरवाहन संशोधन बिल 2016, ट्रांसजेंडर व्यक्ति के अधिकार संरक्षण बिल को पास कराने पर भी जोर दिया जा सकता है।