नई दिल्ली। देश में दागी नेताओं पर जल्द फैसले लेने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। केंद्र सरकार ने इन मामलों को निपटाने के लिए एक साल तक 12 स्पेशल कोर्ट बनाने पर सहमति जताई है।
सुप्रीम कोर्ट में मंगलवा को कानून मंत्री की ओर से दाखिल हलफनामे में इस बात की पुष्टि हुई है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार इन मामलों का निपटारा एक साल के अंदर किया जाना चाहिए। इन स्पेशल कोर्ट में करीब 1571 आपराधिक मामलों की सुनवाई होगी।
सरकार ने इसका प्रारूप बना लिया है। इन 12 अदालतों के गठन पर सरकार 7.8 करोड़ रुपये खर्च करेगी। बतां दें कि, इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से दागी नेताओं पर अजीवन प्रतिबंध लगाने की मांग की थी।
नियमानुसार एक बार दोषी और सजायाफ्ता हो जाने पर किसी भी सांसद या विधायक की सदस्यता जनप्रतिनिधि कानून के तहत समाप्त हो जाती है, मगर कानूनी उलझनों का फायदा उठाकर अपराधी नेता अपनी सदस्यता बचाए रहते हैं।
आपको बता दें कि अभी हाल ही में आईएडीआर ने 4852 अपराधी नेताओं के हलफनामे का अध्ययन करने के बाद यह रिपोर्ट प्रकाशित की थी। जिसमें दागी विधायक-सांसद को लेकर कई खुलासे हुए थे।