राजकोट। पूर्व प्रधानमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार की नोटबंदी और जीएसटी को लागू करने के तरीके की कड़ी आलोचना करते हुए पीएम मोदी पर गुजरातियों के भरोसे को तोड़ने और उन्हें धोखा देने का आरोप लगाया।
उन्होंने नोटबंदी से जुड़े सरकारी दस्तावेजों को संसद के अगले सत्र में सदन के पटल पर रखने तथा इन पर खुली चर्चा की भी मांग की ताकि इसकी सच्चाई जनता के सामने आए। डॉ. सिंह ने यह भी कहा कि यूपीए सरकार के दौरान भ्रष्टाचार के आरोपियों पर सख्त कार्रवाई होती थी और अगर मोदी जी भी भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के दावे करते हैं तो उन्हें भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बेटे की कंपनी पर लगे आरोपों समेत अन्य आरोपों की जांच करानी चाहिए।
सिंह ने यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, गुजरात की जनता ने नोटबंदी के मोदी जी के फैसले का यह सोच का समर्थन किया कि उनके त्याग से शायद देश को फायदा हो जाए पर ऐसा नहीं हुआ। उनकी उम्मीदे और भरोसा टूट गया। 99 प्रतिशत पुराने नोट बैंक में आ गए और काले धन को सफेद बना लिया गया। इससे छोटे और मझौले उद्योगों को सबसे तगड़ी चोट लगी और इसमें लाखों नौकरियां चली गई जबकि नई नौकरियों के अवसर नहीं बन रहे। मोदी सरकार ने इसे साहसिक कदम बताया पर साहसिक और विनाशकारी कदम में फर्क हैं। इंदिरा गांधी ने देशी रियासतों के विशेष भत्ते बंद कर तथा बैंको का राष्ट्रीयकरण कर साहस दिखाया था। इन कदमों से गरीब और मध्यम वर्ग को कोई नुकसान नहीं हुआ था। नोटबंदी के बाद जीएसटी को गलत ढंग से लागू कर मोदी जी ने अर्थव्यवस्था को एक और झटका दिया। प्रधानमंत्री मोदी गुजरात से हैं और दावा करते हैं कि वह गुजरात और गुजरातियों को समझते हैं पर उन्होंने व्यापारों की बहुलता वाले गुजरात के लोगों से इसे लागू करने से पहले मशविरा नहीं किया। मोदी जी ने गुजरात के लोगों के विश्वास को तोड़ा और धोखा दिया है।
सिंह कहा कि नोटबंदी के चलते भारत को हुए नुकसान का फायदा चीन को मिला है। नोटंबंदी और जीएसटी के चलते जीडीपी वृद्धि दर में भारी गिरावट हुई हैं। दूसरी तिमाही में इसमें सुधार के बावजूद इसे पूरी स्थिति में सुधार की शुरूआत कहना जल्दबाजी होगी।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि गुजरात मॉडल विफल है और इसका समाज के सभी वर्ग सड़क पर उतर कर विरोध कर रहे हैं। 22 साल के भाजपा शासन के बाद भी गुजरात कई सामाजिक सूचकांकों पर विफल है। उन्होंने गुजरात में कांग्रेस की सरकार बनने पर मंहगाई के लिए जिम्मेदार डीजल-पेट्रोल की कीमते कम करने, शिक्षा और चिकित्सा खर्च में भारी कमी समेत अन्य कदम उठाने की भी बात कही।
एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार का जो भी दोषी पाया गया उस पर उनकी सरकार ने सख्त कार्रवाई की थी। पर भाजपा सरकार के दौरान जो भी ऐसी चीजे सामने आई उन पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
उन्होंने राम मंदिर से जुड़े एक सवाल पर केवल यही कहा कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है इसलिए वह इस पर वह कुछ नहीं कहना चाहते। कोर्ट का जो भी फैसला होगा वह मान्य होगा।