नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दलितों, पिछड़े और वंचितों के हकों के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए गुरुवार को कहा कि हमें स्वीकारना होगा कि हम बाबा साहब अंबेडकर के सपनों को पूरा नहीं कर पाए लेकिन इसके लिए प्रयास निरन्तर जारी रहेंगें।
मोदी ने यहां बहुचर्चित डॉ. अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र का उद्घाटन करने के बाद एक समारोह में कहा कि सरकार दलित, वंचित और पिछड़े वर्ग के प्रतिकों को फिर से स्थापित कर रही है। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री थावरचंद गेहलोत, रामदास अठावले, कृषणपाल गुर्जर, विजय सांपला और संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल भी इस अवसर पर मौजूद थे।
मोदी ने कांग्रेस का नाम लिए बगैर कहा कि आजादी के बाद एक परिवार के लिए डॉ. बी आर अंबेडकर के विचारों को दबाने की कोशिश की गई लेकिन हमारी सरकार ने इसे नाकाम कर दिया है। पीएम ने कहा कि आज डॉ. अंबेडकर के समर्थकों की संख्या इस परिवार के समर्थकों से ज्यादा है।
प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार की विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों का उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी सरकार डॉ. अंबेडकर की सामाजिक लोकतंत्र के सपनों को पूरा कर रही है। नया भारत डॉ. अंबेडकर के सपनों के अनुरुप होगा।
उन्होंने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का नाम लिए बगैर कहा कि उनको डॉ. अंबेडकर से संबंधित योजनाओं और कार्यक्रमों की भी जानकारी भी नहीं होगी। वैसे उनको आजकल बाबा साहेब नहीं बाबा भोले ज्यादा याद आ रहे हैं।
बता दें कि गुजरात में विधानसभा चुनाव प्रचार आज थम जाएगा। इससे पहले राहुल गांधी करीब तीन महीनों में 24 मंदिर में दर्शन के लिए जा चुके हैं। इस पर उन्होंने कहा था - मैं शिवभक्त हूं।
उन्होंने कहा, हम केवल योजनाएं बनाते ही नहीं, उन्हें तय समय में पूरा भी करते हैं। केंद्र का निर्माण लगभग दो साल में पूरा हुआ है और इसकी लागत 185 करोड़ रुपए आई है। यह केंद्र बौद्ध एवं आधुनिक कला का मिश्रण है। इसमें डिजिटल संग्रह तथा एक पुस्तकालय भी है।