हैदराबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्यमियों के तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का मंगलवार को उद्घाटन किया। उन्होंने इस मौके पर वैश्विक निवेशकों को आमंत्रित करते हुए कहा कि वे भारत में निवेश के अनुकूल माहौल का फायदा उठाएं। जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी और सलाहकार इवांका ने कहा कि कई विकासशील और विकसित देशों में अभी महिलाओं के लिए न्यायसंगत कानूनों के संदर्भ में बहुत कुछ करना बाकी है।
मोदी ने यहां 2017 वैश्विक उद्यमिता सम्मेलन में कहा, "दुनिया भारत के मेरे निवेशक मित्रो, मैं आपसे कहना चाहता हूं कि आइए, भारत में उत्पादन कीजिए, भारत में निवेश कीजिए, भारत के लिए और दुनिया के लिए। मैं आप सब को भारत के विकास की कहानी में भागीदार बनने के लिए आमंत्रित करता हूं. और एक बार फिर आपको आश्वस्त करता हूं कि हम आपको पूरे दिल से समर्थन देंगे।"
इवांका के भाषण की खास बातें
प्रधानमंत्री से पहले इवांका ने सम्मेलन में अपनी बात रखी. उन्होंने कहा, "जब न्यायसंगत कानूनों की बात आती है, तो कई विकसित और विकासशील देशों ने जबरदस्त प्रगति की है, फिर भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।" उन्होंने कहा कि कुछ देशों में महिलाओं को संपत्ति का अधिकार नहीं दिया जाता, अकेले सफर करने नहीं दिया जाता, या बिना अपने पतियों के सहमति से काम करने नहीं दिया जाता। वहीं, कुछ अन्य देशों में सांस्कृतिक और पारिवारिक दवाब इतना ज्यादा होता है कि महिलाओं को घर से बाहर जाकर काम करने की आजादी नहीं मिलती।
उन्होंने कहा, "हमारा प्रशासन दुनिया भर में महिलाओं के लिए अधिक से अधिक अवसरों को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहा है, इसे हमारे घरेलू सुधारों और अंतर्राष्ट्रीय पहलों के माध्यम से बढ़ावा दिया जा रहा है।" उन्होंने कहा कि जब कोई महिला काम करती है, तो यह 'गुणक प्रभाव' पैदा करता है और परिवार और समाज में और अधिक पुनर्निवेश करता है। उन्होंने कहा, "जब महिलाएं काम करती हैं, तो इससे विशिष्ट गुणक प्रभाव पैदा होता है। महिलाओं द्वारा पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को नौकरी देने की संभावना अधिक होती है, और उन्हें पूंजी, परामर्श और नेटवर्क तक पहुंच प्रदान करती है। महिलाओं द्वारा अपने परिवारों और समुदायों में अपनी आय को फिर से निवेश करने की संभावना अधिक होती है।"
नए भारत के लिए पीएम मोदी का आइडिया
मोदी ने भारत के युवा निवेशकों से कहा कि साल 2022 तक नया भारत बनाने के लिए उनके पास योगदान करने के लिए उनमें से प्रत्येक के पास कुछ न कुछ मूल्यवान है। उन्होंने कहा, "आप भारत के बदलाव के वाहक हैं।" उन्होंने कहा, "मेरी सरकार यह समझती है कि पारदर्शी नीतियों का वातावरण, समान अवसर मुहैया कराने की नीति, और कानून का शासन उद्यमिता के फलने-फूलने के लिए बहुत जरूरी है।"
मोदी ने कहा, "कराधान प्रणाली में हाल ही में ऐतिहासिक बदलाव किया गया और देश भर में वस्तु एवं सेवा कर लागू किया गया। 2016 में हमारी शुरू की गई दिवाला और दिवालियापन संहिता तनावग्रस्त उपक्रमों को समय पर समाधान उपलब्ध कराने की दिशा में एक कदम है। हमने हाल में इसे बेहतर किया है, जो जानबूझकर कर्ज नहीं चुकानेवालों को तनावग्रस्त परिसंपत्तियों की बोली लगाने से रोकता है।"