नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद सरकार ने कंपनियों पर बड़ी कार्रवाई की है। ये कार्रवाई कॉर्पोरेट अफेयर्स मंत्रालय ने किया है। इसके तहत 35 हजार कंपनियों की जांच की गई हैं जिनके 58 हजार खाते हैं और 17 हजार करोड़ का लेन-देन हुआ है।
सरकार को इस बात की जानकारी 56 बैंकों से मिली थी। सरकार ने 2 लाख 24 हजार ऐसी कंपनियों को बंद कर दिया है जिनमें 2 साल से कोई कारोबार नहीं हुआ था।
गौरतलब है कि जांच में एक कंपनी ऐसी भी निकली जिसमें नोटबंदी से पहले निगेटव बैलेंस था लेकिन नोटबंदी के बाद इस कंपनी का बैलेंस 2,484 करोड़ हो गया।
संपत्ति की खरीद फरोख्त पर भी पाबंदी
बंद की गई कंपनियों में से एक कंपनी ऐसी है जिसका बैलेंस नोटबंदी के पहले निगेटिव था। नोटबंदी के बाद इस कंपनी के खातों में 2 हजार 484 करोड़ जमा किए और निकाले गए। बैंक खातों के अलावा इन कंपनियों की संपत्ति की खरीद फरोख्त पर भी पाबंदी लगाई गई है। राज्य सरकारों से कहा गया कि इन कंपनियों की संपत्ति की रजिस्ट्री न की जाए।
कार्रवाई के लिए पीएमओ ने बनाई टास्क फोर्स
ऐसी कंपनियों पर कार्रवाई के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से विशेष टास्क फोर्स बनाई गई है। टास्क फोर्स के अध्यक्ष रेवेन्यू और कंपनी मामलों के सचिव हैं। ये एसटीएफ फर्जी कंपनियों के खिलाफ अभियान चलाएगी। अभी तक एसटीएफ की पांच बैठकें हुईं और कई फर्जी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई हुई है जिससे काला धन नितालने में मदद मिलेगी।