नई दिल्ली। सरकार ने रक्षा क्षेत्र में निजी कंपनियों को बढावा देने के प्रति वचनबद्धता दोहराते हुए शनिवार कहा कि उसका लक्ष्य रक्षा क्षेत्र में भारी भरकम विदेशी निवेश लाना, स्वदेशी क्षमता बढाना और प्रौद्योगिकी के अनुकूल माहौल बनाना है। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने यहां भारतीय उद्योग परिसंघ के एक कार्यक्रम में उद्योगपतियों के साथ बातचीत में कहा कि मौजूदा सरकार रक्षा क्षेत्र में निजी कंपनियों की भागीदारी की सभी बाधाओं को हटाने के लिए पूरी तरह वचनबद्ध है। हमारा लक्ष्य रक्षा क्षेत्र में भारी भरकम विदेशी निवेश लाना, स्वदेशी क्षमताओं को बढाना, प्रौद्योगिकी के अनुकूल माहौल बनाना तथा रक्षा जरूरतों को पूरा करने में आत्मनिर्भरता हासिल करना है।
रक्षा क्षेत्र में 'मेक इन इंडिया' विषय पर आयोजित इस कार्यक्रम में देश तथा विदेशों की प्रमुख कंपनियों ने हिस्सा लिया। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि सरकार ने नई रक्षा खरीद नीति सहित कई नीतिगत निर्णय लिये हैं। इनमें स्वदेशी डिजायन और स्वदेशी रक्षा उपकरणों को बढावा देने के साथ साथ सामरिक साझेदारी मॉडल और निजी क्षेत्र को समान अवसर उपलब्ध कराने के प्रावधान हैं। उद्योगपतियों ने रक्षा विनिर्माण लाइसेंस प्रणाली, तथा शुल्क, खरीद प्रक्रिया में तेजी और जनशक्ति को कुशल बनाने जैसे मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की।