नई दिल्ली। जापान ने भारत में अंतरराष्ट्रीय डॉयग्नोस्टिक व्यापार को बढ़ावा देने के लिए इस वर्ष के अंत तक तकनीकी प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने की घोषणा की है। जापान के स्वास्थ्य, श्रम तथा कल्याण मंत्रालय द्वारा स्वीकृत यह कार्यक्रम वहां की हेल्थकेयर प्रौद्योगिकी एवं सेवाओं को अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहुंचाने का हिस्सा है। इस कार्यक्रम को राष्ट्रीय वैश्विक स्वास्थ्य तथा चिकित्सा केन्द्र (एनसीजीएम) द्वारा कोनोइके ट्रांसपोर्ट,जे वीपीडी इंक और एसआरएल इंक जैसी कंपनियों के सहयोग से संचालित किया जाएगा।
जे वीपीडी इंक के अध्यक्ष तेत्सुजी यमाडा ने कहा कि इस कार्यक्रम यह बताया जायेगा कि भारत के लिए जापानी डॉयग्नोस्टिक प्रौद्योगिकी और अनुभव को कैसे आउटसोर्स किया जाये। उन्होंने कहा कि भारत में चिकित्सा एवं डॉयग्नोस्टिक की मांग में तेजी आयी है लेकिन तकनीकी तौर पर प्रशिक्षित कर्मियों की कमी की वजह से अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरणों का संचालन करने में दिक्कत आ रही है।
कोनोइके ट्रांसपोर्ट कंपनी के मेडिकल कारोबार इकाई के महाप्रबंधक एवं कार्यकारी अधिकारी मिनोरू अमानो ने कहा कि भारत का हेल्थकेयर क्षेत्र बहुत तेजी से वृद्धि कर रहा है लेकिन आपूर्ति श्रृंखला अब भी अपने प्राथमिक चरण में है। भारत में डॉयग्नोस्टिक तकनीक के क्षेत्र में बहुत संभावनाएं हैं। जापान एक बड़ी सक्सेस स्टोरी है और वहां के अनुभवों को भारत में अपनाया जा सकता है।