नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुद्धवार को कहा कि जनधन योजना के तहत देशभर में 30 करोड़ बैंक खाते खोले जा चुके हैं। इसमें से जीरो बैलेंस अकाउंट की संख्या तीन साल में 77% से घटकर 20% पर आ गई है। यूनएन इन इंडिया के उद्घाटन समारोह के दौरान जन धन रेवोल्यूशन कान्क्लेव में बोलते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि पीएम जन धन योजना के अंतर्गत जीरो बैलेंस अकाउंट की संख्या में तेज गिरावट देखने को मिली है। उन्होंने कहा कि वंचित वर्गों के लिए खोले गए खातों की संख्या काफी बड़ी थी।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि जन धन योजना से पहले तक करीब 42 फीसद परिवार बैंकिंग सेवाओं से दूर थे। अरुण जेटली ने कहा कि नोटबंदी के बाद समाज में नकदी की संख्या में गिरावट देखने को मिली है। जेटली ने यह भी बताया कि जनधन खातों के कारण बैंकों पर बोझ न बढ़े इसको देखते हुए भी सरकार ने कदम उठाए हैं। सभी जनधन खातों को रुपे कार्ड से जोड़ा गया है। साथ ही दो इंश्योरेंस योजनाओं को भी इस खातों के साथ जोड़ा गया है।
जेटली ने कहा कि जनधन स्कीम के लॉन्च के तीन महीने बाद सितंबर 2014 में 76.81% अकाउंट जीरो बैलेंस पर थे। यह तादाद अब घटकर 20% पर आ गई है। जनधन योजना की ही देन है कि करीब 99.99% हाउसहोल्ड के पास कम से कम एक बैंक अकाउंट है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि नोटबंदी का नतीजा यह रहा कि इससे टैक्स बेस बढ़ा है। कैश कम हुआ है और इकोनॉमी अधिक फॉर्मल हुई है। नोटबंदी के बाद से भारतीय सोसायटी में कैश लेनदेन में कमी आई है।