नई दिल्ली। स्वामी विवेकानंद द्वारा शिकागो में दिए गए भाषण की आज 125वीं सालगिरह है। इस मौके पर पीएम मोदी ने देश के युवाओं को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने देश के युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि आगे आकर देश समस्याओं को सुलझाएं और इस देश की विविधता में एकता को बढ़ावा दें।
उन्होंने स्वामी विवेकानंद के भाषण और अमेरिकी में हुए 9/11 आतंकी हमले को याद करते हुए कहा कि हम विवेकानंद के 9/11 को नहीं भूलते तो 21वीं सदी का 9/11 नहीं होता। उन्होंने कहा था कि दुनिया का समस्याओं का हल एशिया से आएगा। अगर हर भारतीय एक कदम चले तो हम सवा सौ करोड़ कदम आगे निकल जाएंगे। पीएम ने स्किल इंडिया और स्टार्ट अप इंडिया को स्वामी विवेकानंद के आदर्शों से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं देश के नौजवान आगे आएं, इनोवेशन लाएं और देश की समस्याओं का समाधान करें। युवा को नौकरी मांगने वाला नहीं नौकरी देने वाला बनना चाहिए।
पीएम ने आगे कहा कि जब में यहां आया तो वंदे मातरम गूंज रहा था जिसे सुनकर रोंगटे खड़े हो गए। लेकिन एक सवाल है कि क्या हमें वाकई में वंदे मातरम कहने का हक है? पान खाकर पिचकारी मारें और फिर वंदे मातरम कहें? हम लोग सारा कूड़ा-कचरा भारत मां पर फेंके और फिर वंदे मातरम बोलें? मैं जानता हूं कि यह सवाल चुभने वाला है लेकिन मेरे हिसाब से इस देश में सबसे पहले वंदे मातरम कहने का हक किसी को है तो वो हैं पूरी मेहनत से गंदगी साफ करने में लगे लोगों को। हम कहते हैं कि हम स्वस्थ्य अच्छे अस्पताल और डॉक्टरों की वजह से लेकिन ऐसा नहीं है, हम स्वस्थ्य हैं तो सफाई करने वालों की वजह से। हम सफाई करे या ना करें लेकिन गंदगी करने का हक हमें नहीं है।