नई दिल्ली। मोदी सरकार के रविवार को होने वाले मंत्रिपरिषद के तीसरे फेरबदल में नौ नए चेहरों को शामिल किया जाएगा। इनमें अश्विनी कुमार चौबे (बिहार), राजकुमार सिंह (बिहार), शिव प्रताप शुक्ल (उप्र), सत्यपाल सिंह (उप्र), वीरेंद्र कुमार (मध्यप्रदेश), अनंत कुमार हेगडे (कर्नाटक), हरदीप सिंह पुरी (डिप्लोमैट), गजेंद्र सिंह शेखावत (राजस्थान) और अल्फोन्स कन्ननथानम (केरल) शामिल हैं। ये सभी पहली बार केंद्र में मंत्री बनेंगे। साथ ही तीन मंत्रियों को पदोन्नति देते हुए कैबिनेट मंत्री बनाया जाएगा।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की वृंदावन बैठक से लौटने के बाद शनिवार दिनभर चली बैठकों के बाद देर शाम नए मंत्रियों को लेकर स्थिति साफ हुई। मिशन-2019 के पहले सरकार के काम को बेहतर करने के लिए नौ नए चेहरों को शामिल करने का फैसला किया है।
इनका होगा प्रमोशन
मंत्रिमंडल फेरबदल में निर्मला सीतारमण, धर्मेंद्र प्रधान और पीयूष गोयल को पदोन्नति कर कैबिनेट मंत्री बनाए जाने की संभावना है। ये अभी राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार के मंत्री हैं। साथ ही सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को भी अहम जिम्मेदारी दिए जाने के संकेत हैं।
जदयू, शिवसेना से कोई नाम नहीं
भाजपा के सहयोगी दलों जदयू और शिवसेना से किसी का भी नाम नए मंत्रियों की सूची में शामिल नहीं है।
फोर ‘पी’ के आधार पर मोदी टीम का चयन
सूत्रों के मुताबिक इस बार चयन का आधार चार पी रहे। ये फोर पी हैं- पैशन, प्रोफेएंसी, प्रोफेशनल और पॉलिटिकल एक्यूमेन यानी राजनीतिक कौशल। मोटे तौर पर कहा जाए तो काम के प्रति जुनून, दक्षता, पेशेवराना अंदाज और राजनीतिक कुशलता के आधार पर इन नए चेहरों का चयन किया गया है।
शपथ ग्रहण समारोह 10.30 बजे
राष्ट्रपति भवन में सुबह 10.30 बजे शपथ ग्रहण समारोह होगा। इसमें नए मंत्रियों को शपथ दिलाई जाएगी।
मोदी के ‘नव-रत्न’
1. वीरेंद्र कुमार (मप्र)
मप्र के टीकमगढ़ से लोकसभा सांसद। दलित समुदाय से आते हैं। छह बार से लोकसभा सदस्य हैं।
2. गजेंद्र शेखावत (राज.)
जोधपुर से सांसद। वित्त मामलों पर बनी संसदीय समिति के सदस्य और फेलोशिप कमेटी के चेयरमैन हैं।
3. आरके सिंह (बिहार)
आरा से लोकसभा सांसद। 1975 बैच (बिहार कैडर) के पूर्व आईएएस अधिकारी। भारत के गृह सचिव भी रह चुके हैं।
4. अश्विनी चौबे (बिहार)
बक्सर से सांसद। बिहार विधानसभा में 5 बार विधायक रहे। बिहार में आठ साल तक विभिन्न विभागों में जिम्मेदारी संभाली।
5. सत्यपाल सिंह (उप्र)
बागपत से सांसद हैं। महाराष्ट्र कैडर से 1980 बैच के आईपीएस। मुंबई, पुणे व नागपुर के पुलिस कमिश्नर भी रहे हैं।
6. अनंत हेगड़े (कर्नाटक)
उत्तर कर्नाटक से सांसद। वे पहली बार 28 साल की उम्र में सांसद बने थे। यह संसद में उनका पांचवां टर्म है।
7. हरदीप पुरी (डिप्लोमैट)
1974 के बैच के पूर्व भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी। विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों के जानकार।
8. अल्फोंज (केरल)
केरल कैडर के 1979 बैच के पूर्व आईएएस ऑफिसर। दिल्ली में कमिश्नर के तौर पर 15,000 अवैध निर्माण हटाए।
9. एसपी शुक्ला (उप्र)
उप्र से राज्यसभा सांसद। 1989 से 1996 तक चार बार विधायक रहे। उप्र सरकार में आठ साल तक कैबिनेट मंत्री रहे।