नई दिल्ली। पीएम मोदी के कैबिनेट में बड़े फेरबदल की सुगबुगाहट अब अपने चरम पर है। केंद्रीय मंत्रियों राजीव प्रताप रूडी, उमा भारती, संजीव बालियान और फग्गन सिंह कुलस्ते ने मंत्रिमंडल से अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री को भेज दिया है. मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद पहली बार इस मामले पर टिप्पणी करते हुए राजीव प्रताप रुडी ने कहा, यह मेरा फैसला नहीं है।
उन्होंने कहा, यह पार्टी का फैसला है और मैं इसका पालन करुंगा। ऐसे ही संजीव बालियान से जब इस बाबत पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्होंने 'तुरंत एक लाइन का इस्तीफा भेज दिया था।' उन्होंने यह भी कहा कि वह नहीं जानते कि उनके इस्तीफा क्यों लिया गया। लेकिन साथ ही उन्होंने जोड़ा, वह पार्टी के आदेश का पालन करते हुए खुश हैं।
राजीव प्रताप रुडी जोकि कौशल विकास मंत्री थे कि पिछले हफ्ते अमित शाह से लंबी बातचीत चली थी।, पीएम मोदी रविवार को चीन की यात्रा पर जा रहे हैं। उससे पहले पहले इस पर फैसला लिया जा सकता है। रुडी ने कहा कि अमित शाह ने पिछली शाम मिलकर उनसे बात की थी। उन्होंने कहा कि उन्होंने फैसला लिया और उन्हें बता दिया। जब उनसे पूछा गया कि क्या पार्टी उन्हें कर्नाटक और गुजरात के विधानसभा चुनावों के लिए बड़ी जिम्मेदारी देने जा रही है तो उनका कहना था- देखते हैं... फिलहाल मैंने पद छोड दिया है।
बताया जा रहा है कि हटाए गए मंत्रियों को पार्टी संगठन में जगह दी जा सकती है। 2019 में होने जा रहे लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार का ये आखिरी मंत्रिमंडल फेरबदल और विस्तार माना जा सकता है। इस कैबिनेट विस्तार में जेडीयू से दो चेहरों को शामिल किया जा सकता है, जिनमें नीतीश के करीबी आरसीपी सिंह और संतोष कुशवाहा का नाम आगे आ रहा है। शिवसेना से एक और तेलगुदेशम से एक मंत्री बनाए जा सकते हैं। ये भी संभव है कि टीडीपी से एक मंत्री बनाए जाने की जगह उसके मौजूदा राज्यमंत्री को प्रमोशन दे दी जाए।