नई दिल्ली। इंडियन नैवी में एक बहुत ही हैरान करने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक नौसैनिक अपना सेक्स चेंज कर महिला बन गया है। अब नेवी इस ट्रांसजेंडर सिपाही को नौकरी से हटाने को लेकर विचार कर रही है। इसके पीछे नौसेना का कहना है कि किसी महिला को सिपाही के तौर पर नहीं रखा जा सकता है।
ट्रांसजेंडर सिपाही ने सात साल पहले जब नेवी में ज्वाइन हुआ था तब उसका नाम मनीष गिरी था और अब वो शाबी बन चुका है। शाबी ने सात साल पहले पूर्वी नवल कमांड का मरीन इंजीनियरिंग विभाग बतौर सिपाही के तौर पर ज्वाइन किया था।
2016 में शाबी ने डॉक्टरों से बात कर के अपने इलाज के बारे में सोचा। इसके बाद शाबी 21 दिन की लीव लेकर दिल्ली में सेक्स रिआसाइनमेंट सर्जरी करवाई। सर्जरी के बाद नौसेना भले ही शाबी से नाखुश है लेकिन शाबी सेक्स चेंज करवाकर बेहद खुश है।
सर्जरी की बात उसने खुद ही नौसेना को बताई। इसके बाद जब शाबी जॉब पर दौबारा लौटी तो उसे एसएनएलआर (Service No Longer Required) के तहत नौकरी से हटाने का फैसला कर लिया गया।
शाबी ने बताया कि मेरे महिला बन जाने के बाद मुझे पुरुष वार्ड में रखा गया जहां पर 24x7 तीन गार्ड तैनात थे। इतना ही नहीं मुझे 6 महीने तक मनोरोग वार्ड में रखा गया और मानसिक तौर पर सताया गया।
शाबी ने जब नेवी की जॉब ज्वाइन मनीष गिरी के तौर पर की थी, उसके बाद उसकी शादी भी हो गई थी। शाबी का एक बच्चा भी है। ऐसे में अगर शाबी को नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाता है तो उसे न तो पेंशन मिलेगी और न ही अन्य सुविधाएं। पेंशन और सुविधा पाने के लिए 15 साल तक नौकरी करना अनिवार्य है।