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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो बनाएगा इतिहास

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Aug 31 2017 1:04PM | Updated Date: Aug 31 2017 3:41PM
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चेन्नई। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के लिए गुरुवार का दिन काफी अहमियत भरा होगा। यह पहली बार निजी कंपनियों के सहयोग से बने अपने किसी उपग्रह (सैटेलाइट) को लॉन्च करने जा रहा है। इसका नाम आईआरएनएसएस-1एच है। इसकी लॉन्चिंग को लेकर काउंटडाउन शुरू हो गया है। इसरो गुरुवार शाम करीब सात बजे अपने श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से इसे पीएसएलवी-सी 39 रॉकेट की मदद से छोड़ेगा। यह इंडियन रीजनल नेविगेशन सेटेलाइट सिस्टम का आठवां उपग्रह है और यह आईआरएनएसएस-1ए की जगह लेगा, जिसकी परमाणु घड़ियों ने काम करना बंद कर दिया है।

क्या है खासियत
इस उपग्रह का वजन 1,400 किलोग्राम है, जिसे इसरो ने छह लघु एवं मध्यम उद्योगों के समूह के साथ मिलकर बनाया है। भारतीय क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली (आईआरएनएसएस) एक स्वतंत्र क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली है, जिसे अमेरिका स्थित जीपीएस के अनुरूप भारत में विकसित किया गया है।

उपग्रह के निर्माण में निजी कंपनियां शामिल
इसरो के मुताबिक यह पहला मौका है, जब किसी उपग्रह के निर्माण में निजी कंपनियां सीधे तौर पर शामिल हुई हैं। इससे पहले उपग्रह निर्माण में निजी कंपनियां केवल हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, पार्ट और जरूरी सामान ही मुहैया कराती थीं, मगर इस उपग्रह में निजी कंपनियों के इंजीनियर और टेक्निकल्स असेंबलिंग, इलेक्ट्रिकल इंटीग्रेशन, टेस्टिंग आदि काम में शामिल रहे हैं। इसके लिए छह निजी कंपनियों का एक समूह बनाया गया था।
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