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पीछे रह जाएंगे चीन और ब्राजील, 10 साल में टॉप पर होगा भारत

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Aug 30 2017 2:13PM | Updated Date: Aug 30 2017 2:13PM
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नई दिल्‍ली। पिछले तीन महीने से चल रहा भारत और चीन के बीच चल रहा डोकलाम विवाद आखिरकार शांतिपूर्वक सुलझ गया। इसे भारत की बडी कूटनीतिक जीत मानी जा रही है। वैश्विक परिदृश्य के रूप में देखें तो इस जीत से भारत और चीन दोनों के कद पर असर पड़ेगा। 

इन मामलों के जानकारों की मानें तो डोकलाम विवाद के शांतिपूर्ण समाधान और दोनों देशों की सेना के हटने को कई रूप में देखा जा सकता है। पहला तो इस मामले में चीन की सरकारी मीडिया और अफसर लगातार भड़काऊ बयानबाजी कर रहे थे और भारत पर हमले की धमकी दे रहे थे। वहीं दूसरी ओर चीन की इन गीदड़भभकियों के दौरान भारत अपने रूख पर कायम रहा और दुनिया को ये संदेश दिया कि वह संकट के वक्त में एक दोस्त (भूटान) के साथ खड़ा है।
 
जापान का मिला साथ
डोकलाम पर जारी तनाव के दौरान जापान ने भारत का खुलकर साथ दिया था। वहीं, वियतनाम और दूसरे दक्षिणी पूर्वी एशियाई देश बेहद नजदीक से हालात पर नजर रखे हुए थे। ये वही देश हैं, जिनसे चीन का टकराव होता रहा है। भारत के रुख से उत्साहित चीन के ये पड़ोसी मुल्क अब क्षेत्रीय विवादों के वक्त उसकी ज्यादती का मजबूती से विरोध करेंगे। वहीं, आर्थिक ताकत के सहारे छोटे देशों पर प्रभाव जमाने में जुटे चीन की एकतरफा पहल पर भी लगाम लगेगी।
 
जारी ब्रिक्स नवोन्मेष प्रतिस्पर्धात्मकता रिपोर्ट-2017 में वर्ष 2016 के लिए राष्ट्रीय समग्र नवोन्मेष प्रतिस्पर्धात्मकता में चीन टॉप पर रहा है। चीन के बाद रूस, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील और अंत में भारत मौजूद है।
 
क्यों अहम है ब्रिक्स
उभरती अर्थव्यवस्था वाले विकासशील देशों के संगठन ‘ब्रिक्स’ ने अपना एक नया विकास बैंक गठित कर वैश्विक वित्तीय संचालन व्यवस्था में तहलका मचा दिया है। हालांकि ब्रिक्स की यह पहल दूसरे विश्वयुद्ध के बाद ब्रेटन वुड समझौते के तहत गठित पश्चिम के वर्चस्व वाले विश्वबैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष पर केंद्रित व्यवस्था को खत्म करने से अभी कोसों दूर है। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष तथा विश्वबैंक पिछले 70 साल से वैश्विक वित्तीय प्रणाली के केंद्र में रहे हैं। देशों को आर्थिक समस्याओं से उबारने तथा विकास परियोजनाओं की मदद करने में इन संस्थानों ने बड़ी भूमिका निभाई है।
 
क्या है ब्रिक्स बैंक
ब्रिक्स बैंक का गठन 100 अरब डालर की अधिकृत पूंजी से किया गया है। ब्रिक्स देशों ने इस बैंक की स्थापना का निर्णय पिछले साल लिया था। भारत को इसका पहला अध्यक्ष नियुक्त करने का अधिकार मिला जिसके बाजद केवी कामत को इसकी जिम्मेदारी दी गई। इसका मुख्यालय चीन में है और कामत को पांच साल के लिए एनडीबी का अध्यक्ष बनाया गया है।

पूरे एशिया में भारत की स्थिति मजबूत
डोकलाम पर चीन के खिलाफ और भूटान के पक्ष में खड़ा रहने से भारत को बड़ा कूटनीतिक फायदा हुआ है। एक्सपर्ट्स की मानें तो इससे एशियाई देशों के साथ भारत का सहयोग मजबूत हुआ है। खास तौर पर दक्षिण और दक्षिणपूर्वी एशिया में भारत की स्थिति मजबूत हुई है।
 
भारत के लिए अहम है डोकलाम
डोकलाम भारत चीन और भूटान बार्डर के तिराहे पर स्थित है। यह स्थान भारत के नाथुला पास से मात्र 15 किलोमीटर की दूरी पर है। चुंबी घाटी में स्थित डोकलाम सामरिक दृष्टि से भारत और चीन के लिए काफी अहम है। साल 1988 और 1998 में चीन और भूटान के बीच समझौता हुआ था कि दोनों देश डोकलाम क्षेत्र में शांति बनाए रखने की दिशा में काम करेंगे। 
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