नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच करीब ढाई महीनों तक चला डोकलाम विवाद अब सुलझता नजर आ रहा है और दोनों देशों ने सीमा पर से अपनी-अपनी सेना को पीछे हटा लिया है। डोकलाम समझौते को लेकर सेना, सरकार और मीडिया से जुड़ी तमाम बातें तो किसी ना किसी रूप में लोगों के सामने आ गईं लेकिन इस मामले से जुड़ी एक दास्तां ऐसी भी थी जो सबके लाइम लाइट से दूर रही। खबरों के मुताबिक इसी अनसुनी दास्तां ने डोकलाम समझौते में अहम योगदान दिया।
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक एनएसए अजीत डोभाल और चीनी अधिकारी के बीच इस विवाद को लेकर तीखी नोकझोंक भी हुई। इस दौरान डोभाल ने ना केवल काफी आक्रामक रवैया अपनाते हुए भारत का पक्ष रखा बल्कि विवाद को हल करने में महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाई।
हर विवादित क्षेत्र चीन का हो जाता है ?
रिपोर्ट के मुताबिक 27 जुलाई को अजीत डोभाल ने पेइचिंग में चीन के स्टेट काउंसलर यांग जीची से मुलाकात थी। इस मौके पर चीनी अधिकारी ने डोभाल से बेतुका सवाल पूछा था कि 'क्या यह आपका इलाका है?' आपको बता दें कि उसी समय डोभाल ने यांग जीची के सवाल का करारा जवाब दिया था।
खबरों के मुताबिक अजीत डोभाल ने कहा था कि डोकलाम में जिस जगह को लेकर विवाद हो रहा है, वह चीन का है ही नहीं। सूत्रों ने बताया कि डोभाल ने जीची को जवाब दिया, 'क्या हर विवादित क्षेत्र अपने आप चीन का हिस्सा हो जाता है?'
दोनों देशों के बीच कई दौर की बातचीत
डोकलाम विवाद को लेकर दोनों देशों के बीच लंबे समय से जारी गतिरोध को दूर करने में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल की भूमिका भी काफी अहम रही। आपको बता दें कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 7 जुलाई को हैम्बर्ग में हुई मुलाकात के दौरान दोनों देशों के बीच इस कूटनीतिक बातचीत को मंजूरी दी थी। जिसके बाद भारत और चीन के बीच कई दौर की बातचीत भी हुई। इस बातचीत में विदेश सचिव एस जयशंकर के साथ-साथ चीन में भारत के राजदूत विजय गोखले भी शामिल हुए थे।