नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में रविवार को कहा कि संप्रदाय, धर्म या व्यक्ति के नाम पर आस्था के आधार पर हिंसा की इजाजत नहीं दी जा सकती। कानून हाथ में लेने का इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती. हर व्यक्ति को कानून का पालन करना होगा। पीएम नरेंद्र मोदी ने हरियाणा हिंसा पर चिंता जाहिर करते हुए यह बात कही। ऐसे में धर्म या किसी व्यक्ति के नाम पर हिंसा को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पीएम मोदी ने कहा कि हमारा देश अहिंसा परमो धर्म: को मानने वाला देश है। यह महात्मा गांधी और सरदार पटेल का देश है। बाबा साहेब को याद करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि उनके बनाए संविधान के अनुसार ही देश चल सकता है। ऐसे में कोई भी कानून से ऊपर नहीं हो सकता।
'मन की बात' का 35वां एपिसोड
बता दें कि यह प्रधानमंत्री के रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' का 35वां एपिसोड रहा। इस कार्यक्रम को सुनने के लिए देशभर में स्थित भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) के केंद्रों में खास तैयारी की गई।
स्वच्छता ही सेवा
दो अक्टूबर के लिहाज से पीएम मोदी ने कहा कि स्वच्छता ही सेवा है। हमको स्वच्छता अभियान को एक आंदोलन के रूप में लेना चाहिए और स्वच्छता ही सेवा के मंत्र के साथ इस मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। ऐसे में स्वच्छता अभियान से संबंधित प्रतियोगिताओं के माध्यम से युवाओं को इससे ज्यादा से ज्यादा जोड़ा जाना चाहिए। इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि इस साल दो अक्टूबर को स्वच्छ भारत मिशन के तीन साल पूरे हो रहे हैं। अब तक दो लाख तीस हजार गांवों को खुले में शौच से मुक्त किया जा चुका है।
त्योहारों की बधाई
पीएम नरेंद्र मोदी ने गणपति उत्सव और केरल में आने वाले ओणम उत्सव की देशवासियों को बधाई दी। हालांकि ये भी कहा कि त्योहारों के इस मौसम में हिंसा के हालात चिंता की बात हैं। इसके साथ ही जोड़ा कि त्योहारों के लिहाज से पर्यावरण पर ध्यान देना जरूरी है। उसी संदर्भ में कहा कि लोग ईको-फ्रेंडली गणपति उत्सव मना रहे हैं। ऐसे में स्वच्छता अभियान को इन त्योहारों को जोड़ना चाहिए। उन्होंने गणपति उत्सव को पर्यावरण और स्वच्छता अभियान से जोड़े जाने के प्रयासों की सराहना की।
खेल दिवस
पीएम मोदी ने कहा कि 29 अगस्त को मेजर ध्यानचंद का जन्मदिन दिवस है। इस अवसर को हम खेल दिवस के रूप में मनाते हैं. ऐसे में देश की नई पीढ़ी से खेलों से जुड़ने का आग्रह किया। क्रिकेट के मैदान में युवाओं को क्रिकेट खेलना चाहिए। फिटनेस के लिए खेल जरूरी है। उन्होंने चिंता जताई कि पहले बच्चे खेलने जाते थे तो मां उनको घर बुलाने का आग्रह करती थी लेकिन अब बच्चे स्कूल से आने के बाद मोबाइल, कंप्यूटर खेलने में व्यस्त हो जाते हैं। लिहाजा अब मां को कहना पड़ रहा है कि जाओ जाकर खेलो। ऐसे में बच्चों को ज्यादा से ज्यादा खेलों में सक्रिय होना चाहिए। यह सेहत के लिहाज से भी जरूरी है।