नई दिल्ली। नोबेल पुरस्कार विजेता और बाल अधिकार कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी ने बच्चों के खिलाफ होने वाली हिंसा को लेकर लोगों में जागरूकता पैदा करने और सख्त कानून की मांग के साथ आगामी 11 सितंबर से 'भारत यात्रा ' नाम से राष्ट्रव्यापी मार्च निकालने की घोषणा करते हुए आज कहा कि 'नया भारत ' तभी बन सकता है जब बच्चे निडर होकर अपना बचपन जी सकें।
बाल यौन शोषण को 'नैतिक महामारी ' करार देते हुए सत्यार्थी ने आज कहा - देश में हर साल हजारों बच्चे यौन शोषण का शिकार होते हैं और बहुत सारे मामलों में दोषियों को सजा नहीं मिल पाती। इस तरह की घटनाओं के मामले में सख्त से सख्त सजा सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा - मैं आज बाल यौन शोषण और तस्करी के खिलाफ युद्ध का ऐलान करता हूं।
भारत यात्रा की घोषणा कर रहा हूं जो बच्चों को भारत के लिए फिर से सुरक्षित बनाने के मकसद से इतिहास का सबसे बड़ा आंदोलन है। इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता कि बच्चों की मुस्कराहट और आजादी छिनती रहे या उनका शोषण हो। यह साधारण अपराध नहीं है। यह एक नैतिक महामारी है जो हमारे देश को सता रही है।
सत्यार्थी ने कहा कि 'कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन ' की ओर से शुरू हो रही इस यात्रा के संदर्भ में उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं, केंद्रीय मंत्रियों तथा कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मुलाकात की तथा सभी ने इस पर उनका समर्थन किया।
उन्होंने कहा - हम सभी धर्मगुरूओं, समुदाय के प्रतिनिधियों तथा लोगों से मुलाकात कर रहे हैं। यह किसी एक समुदाय या वर्ग की समस्या नहीं है। यह सबकी समस्या है। ये सबके बच्चे हैं। नोबेल पुरस्कार विजेता ने कहा - हम नया भारत बनाने की बातें कर रहे हैं। नया भारत तभी बन सकता है जब बच्चे निडरता से अपना बचपन जी सकें। सत्यार्थी ने कहा कि इस यात्रा की शुरूआत 11 सितम्बर से होगी और इसका समापन 16 अक्तूबर को दिल्ली में होगा। इस मौके पर कई ऐसे लोगों ने अपनी बात रखी जिनके बच्चियों पर यौन हमले हुए और वे कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं।