नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से राजीव गांधी हत्याकांड में इस्तेमाल किए गए बम को बनाने की साजिश से जुड़ी जांच के बारे में जानकारी मांगी है। इस हत्याकांड में दोषी ठहराए गए एजी पेरारीवलन ने दावा किया था कि बम बनाने की साजिश की सही ढंग से जांच नहीं की गई।
इस हत्याकांड के सातों दोषी- पेरारीवलन, मुरुगन, शंतन, रॉबर्ट पायस, नलिनी, जय कुमार और रविचंद्रन जेल में हैं। मामले की अगली सुनवाई अगले सप्ताह होगी। पिटीशन पेरारीवलन ने कोर्ट को पिटीशन दायर करके बताया था कि राजीव गांधी की हत्या के पीछे एक बड़ी साजिश रची गई थी।
पिटीशन के वकील गोपाल शंकरनारायण ने प्रॉसिक्युशन के उस बयान को गलत बताया, जिसमें कहा गया था कि घटना को अंजाम देने वालों के पास हाईग्रेड एक्सप्लोसिव और आईडी बनाने के भरपूर इंतजाम थे। वकील का सवाल था कि अगर ऐसा था तो ये लोग महज बम की बैटरी के लिए पेरारीवलम पर निर्भर क्यों थे?
जस्टिस रंजन गोगोई की अगुआई वाली बेंच ने सरकार से पूछा, "इस पहलू (बम बनाने की साजिश की जांच) की दोबारा जांच या आगे की जांच का नतीजा क्या निकला? कृपया हमें बताएं। हम सिर्फ यही जानना चाहते हैं।"