25 Apr 2024, 18:29:54 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
news » National

भारत छोड़ो आंदोलन के 75 साल मोदी बोले- हमारे लिए दल से बड़ा देश

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Aug 9 2017 1:07PM | Updated Date: Aug 9 2017 5:27PM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

नई दिल्ली। भारत छोड़ो आंदोलन के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में बुधवार को संसद का विशेष सत्र बुलाया गया। इस दौरान आंदोलन में शहीद होने वालों को श्रृद्धाजलि दी गई। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि आज का दिन हमारे लिए गौरव की बात है। 1942 में बापू ने नारा दिया था करेंगे या मरेंगे लेकिन आज का नारा है करेंगे या करके रहेंगे।

हमारे पास पास सवा सौ करोड़ की ताकत 
पीएम ने आगे कहा कि आज हमारे पास गांधी नहीं हैं बापू जैसा नेतृत्‍व नहीं है हमारे पास लेकिन हमारे पास सवा सौ करोड़ की ताकत है । जैसे 1947 में भारत कई देशो की आज़ादी के आंदोलन के लिए प्रेरणा बना था, वैसे आज 2017 में भी भारत कई देशो के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकता है। राजनीति से बड़ी राष्‍ट्रनीति होती है। भ्रष्‍टाचार रूपी दीमक ने देश को तबाह कर रखा है।
 
बापू ने कहा था कि करेंगे या मरेंगे
पीएम ने कहा 1857 में क्रांति का बिगुल बजा। 1857 से 1947 तक आंदोलन में कई पड़ाव आए। 1942 में अभी नहीं तो कभी नहीं का माहौल बना। 14 जुलाई 1942 को कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने अग्रेजों के शासन के खात्मे का संकल्प लिया। 9 अगस्त को हुए आंदोलन की कल्पना अंग्रेजों ने नही की थी। यह दिन इसलिए चुना गया क्योंकि इसी दिन 1925 में काकोरी कांड हुआ था। उस दौरान बापू ने कहा था कि करेंगे या मरेंगे। उनकी इस बात सबको आश्चर्य हुआ था। देश आजादी के लिए छटपटा रहा था और जब देश खड़ा हुआ तो 5 साल में गुलामी की बेड़ियां चूर-चूर हो गईं।
 
लिए दल से बड़ा देश 
मोदी ने कहा कि हमारे लिए दल से बड़ा देश है, राजनीति से बड़ी राष्ट्रनीति होती है। भ्रष्टाचार के दीमक ने देश को तबाह कर दिया था, हमें इस स्थिति को बदलना होगा। हमारे सामने गरीबी, कुपोषण और शिक्षा की चुनौती है ये सिर्फ सरकार की नहीं देश की चुनौती हैं। 1942 में भी अलग विचारधारा के लोग थे, अब भी ऐसा है। 
 
इस लड़ाई में मारे गए थे 940 लोग 
पीएम ने कहा कि उस लड़ाई में 940 लोग मारे गए, 1630 घायल हुए और हजारों नजरबंद हुए। भारत छोड़ो आंदोलन आजादी के लिए अंतिम व्यापक जनसंघर्ष था। यह भारत की प्रबल इच्छाशक्ति का परिणाम था। संकल्प के साथ जब निर्धारित लक्ष्य के लिए आगे बढ़ते हैं तो कुछ भी कर सकते हैं।
 
हमें लगता ही नहीं की हम कानून तोड़ रहे हैं
पीएम बोले कि आज अनजाने में अधिकार का भाव प्रबल होता जा रहा है और कर्तव्य का भाव लुप्त होता जा रहा है। अब हमें लगता ही नहीं है कि हम कानून तोड़ रहे हैं। समाज को इन दोषों से मुक्ति दिलाना हम सबकी जिम्मेदारी है। हमें कुछ चीजों की आदत हो गई है, हमें लगता ही
नहीं की हम कानून तोड़ रहे हैं। 
 
पिछले 30-40 सालों में जो बदलाव आया है वो पहले नजर नहीं आता था। अगर 2022 तक देश में फिर वहीं माहौल पैदा करें तो तब हम वीरों का सपना पूरा कर सकते हैं। जीएसटी किसी एक दल की सफलता नहीं, यह अजूबा है और हम संकल्प लेकर चलेंगे तो 2022 तक हमें परिणाम भी मिलेगा।
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »