हैदराबाद। देश के शीर्ष वैज्ञानिकों में शुमार और देश में आधुनिक जीव विज्ञान के पितामह डॉ. पुष्प मित्र भार्गव का लंबी बीमारी के कारण आज यहां निधन हो गया। वह 89 वर्ष के थे। कोशिकीय एवं आण्विक जीव विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले डॉ. भार्गव ने यहां शाम लगभग 17.40 बजे अंतिम सांस ली। उनके परिवार में एक पुत्र और एक पुत्री हैं।
डॉ. भार्गव का जन्म 22 फरवरी 1928 को राजस्थान के अजमेर में एक मध्यवर्गीय परिवार में हुआ। उनके पिता राम चंद्र भार्गव जन स्वास्थ्य कर्मी थे। जब वह 10 वर्ष के थे, उनका परिवार उत्तर प्रदेश आ गया और उनकी आगे की शिक्षा-दीक्षा यहीं हुई। उन्होंने अप्रैल 1977 में हैदराबाद के प्रसिद्ध 'सेंटर फॉर सेल्युलर एण्ड मॉल्युकुलर बॉयोलोजी' की स्थापना की और फरवरी 1990 तक इसके संस्थापक निदेशक रहे।
वह 2005 से 2007 तक राष्ट्रीय ज्ञान आयोग के उपाध्यक्ष रहे। वह फिलहाल भी कई संगठनों के अध्यक्ष थे। उन्हें 100 से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार और सम्मान मिले। उन्हें 1986 में पद्म भूषण सम्मान प्रदान किया गया लेकिन उन्होंने 2015 में यह सम्मान लौटा दिया। डॉ. भार्गव को फ्रांस के राष्ट्रपति ने 1998 में लीजन डी ऑनर से भी सम्मानित किया।