नई दिल्ली। राज्यसभा में कई मंत्रियों और सत्तापक्ष की सांसदों की गैरमौजूदगी के कारण विपक्ष ने सरकार को बड़ा झटका दिया। दरअसल, राज्यसभा में यह स्थिति तब बनी, जब पिछड़ा आयोग को संवैधानिक दर्जा दिलाए जाने को लेकर केंद्रीय सामाजिक कल्याण मंत्री थावरचंद गहलोत 123वां संविधान संशोधन बिल पास कराना चाहते थे। बिल पर वोटिंग के दौरान करीब 4 घंटे तक बहस हुई, लेकिन वोटिंग के दौरान राजग के कई सांसदों के मौजूद नहीं होने से सरकार हार गई और विपक्ष का एक संशोधन पास हो गया।
ये सांसद रहे गैरहाजिर
सोमवार को भाजपा सांसद धर्मेंद्र प्रधान, विजय गोयल, पीयूष गोयल, एमजे एकबर, निर्मला सीतारमण और रविशंकर प्रसाद समेत कई मंत्री और गैरहाजिर रहे।
सांसदों को मौजूद रहना चाहिए था
इसे लेकर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने सांसदों की क्लास लगाई है। शाह ने कहा कि सभी सांसदों को सदन में मौजूद रहना चाहिए था। सभी सांसदों को तीन लाइन की व्हिप का पालन करना चाहिए। सदन शुरू होने से समाप्त होने तक सदन में रहना चाहिए। जो सांसद सोमवार को राज्यसभा से वोटिंग के दौरान नदारद थे उनको अमित शाह ने सबके सामने चेतावनी दी कि उन्हें अलग से बुलाया जाएगा। यह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है। आप जनता के द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि हैं। इससे ग़लत संदेश गया है।
प्रधानमंत्री ने पिछली बैठक में भी अनुपस्थिति रहने वाले सांसदो को सदन में उपस्थित रहने के लिए कहा था। संसदीय कार्य राज्यमंत्री एसएस अहलूवलिया ने सांसदो को प्रेज़ेंटेशन दिया कि व्हिप क्या होता है। उसका संसदीय प्रणाली में क्या महत्व हैं।