मुंबई। अर्द्धसैनिक बलों ने कहा है कि जवानों और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा इस्तेमाल में लाई जाने वाली 1,700 कैंटीन के समक्ष जीएसटी की वजह से संकट खड़ा हो गया है। इन कैंटीनों को यदि रक्षा मंत्रालय द्वारा संचालित कैंटीन स्टोर डिपार्टमेंट (सीएसडी) की तरह जीएसटी से छूट नहीं दी गई तो ये कैंटीनें जल्द बंद हो सकतीं हैं।
देशभर में सेंट्रल पुलिस कैंटीन (सीपीसी) नाम से अर्धसैनिक बलों के लिए कैंटीन चलाने में शामिल एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि किराना, रसोई घर में उपयोग होने वाली दैनिक इस्तेमाल की वस्तुओं और अन्य विविध सामानों का भंडार अब तक के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है। इसका कारण माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद इन कैंटीनों के परिचालन में कोई स्पष्टता नहीं होना है।
कई सीपीसी में माल काफी कम
अधिकारी ने कहा, भंडार काफी कम हो गया है। सरकार को इन सब्सिडी युक्त कैंटीनों को चलाने के लिए छूट की जरूरत के बारे में बार-बार आवेदन दिए गए लेकिन इस संदर्भ में अब तक कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है। उसने कहा, कई सीपीसी में माल काफी कम बचा है क्योंकि कोई नई खरीद नहीं हो रही। रक्षा विभाग के कैंटीनों की तरह अगर छूट नहीं दी गई तो सब्सिडीयुक्त कर की दरों पर अर्द्धसैनिक बलों के लिए चलने वाले सीपीसी बंद हो जाएंगे।
सीआरपी ने दी आंदोलन की धमकी
इस समूचे घटनाक्रम से प्रभावित रिटायर्ड केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के संगठनों ने उनके साथ सौतेला व्यवहार किए जाने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी है। संगठनों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मामले में व्यक्तिगत तौर पर हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है। प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में इन संगठनों ने कहा है कि सीमा सुरक्षा बल, केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल, भारत तिब्बत सीमा पुलिस, केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल और सशस्त्र सीमा बल के लाखों जवानों और उनके परिवारों के समक्ष आए रसोई बजट संकट का समाधान किया जाना चाहिए।