नई दिल्ली। इराक में फंसे भारतीयों पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि मेरे पास उनके जिंदा होने का ठोस सबूत नहीं है, लेकिन उनके मरने का भी ठोस सबूत नहीं है। ऐसे में मेरी बुद्धिमत्ता से ज्यादा समझदारी का सवाल था। उन्होंने कहा कि बिना सबूतों के वो मोसुल में भारतीयों को मरा हुआ नहीं मान सकती। साल 2014 में मोसुल से 39 भारतीय लापता हुए थे।
सुषमा ने कहा कि उन्होंने कभी अगवा भारतीयों के जेल में होने की बात नहीं की। उन्होंने 6 विदेश मंत्रियों से बात की। आपको बता दें कि भारतीय लोग इराक में निर्माण कार्य में लगे थे, उन्हें मोसुल एयरपोर्ट से पकड़ा गया है।
सुषमा स्वराज ने कहा कि मैं शुरू से ही लोकसभा में बयान देना चाहती थी। ये घटना हमारी सरकार आने के 20 दिन बाद की है। उस समय हरजीत ने ये बयान दिया था कि मैं मेरे सामने 39 लोगों को मार दिया गया था, और मैं भाग कर आ गया था। लेकिन हमें ना ही कहीं लाशें मिली, ना ही कोई सूची मिली, और इसलिए हम कैसे कह सकते हैं। हरजीत के बयान में काफी विरोधाभास है, जिस मुद्दे को उठाया गया था। हमने मोसुल के आस-पास तलाशी ली है, मैंने जो कुछ भी किया है वह सदन को विश्वास में लेकर किया।