नई दिल्ली। भारत देश आतंकवाद से सर्वाधिक पीड़ित देशों में से है। भारत का नंबर पीड़ित देशों की लिस्ट में अफगानिस्तान और इराक के बाद तीसरे स्थान पर है। पहले पाकिस्तान तीसरे स्थान पर था, पर भारत में लगातार बढ़े आतंकी हमलों की वजह से वो पीछे खिसक गया।
अमेरिकी रिपोर्ट के अनुसार भारत में आतंकवाद की बड़ी वजह नक्सली हैं। यूएस स्टेट डिपार्टमेंट की ओर जारी किए गए डाटा में नक्सलियों को आईएस-तालिबान के बाद तीसरा सबसे खतरनाक आतंकवादी संगठन माना है।
आंकड़ों के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में होने वाले आतंकी हमले बीते साल 93 प्रतिशत बढ़ गए हैं। हालांकि, भारतीय गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में आतंकी गतिविधियां 54.81 प्रतिशत बढ़ी हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में होने वाले आतंकी हमलों की संख्या में साल 2015 की तुलना में इस बार 9 प्रतिशत की कमी आई है।
यूएस स्टेट डिपार्टमेंट की ओर जारी आंकड़ों में बताया गया है कि साल 2015 की तुलना में साल 2016 भारत में आतंकी हमले बढ़े हैं। भारत में 798 हमले साल 2015 में हुए, जो साल 2016 में बढ़कर 927 तक पहुंच गए। इन हमलों में 337 लोगों की जानें गई और 636 लोग गंभीर रुप से घायल हुए। वहीं, भारत की तुलना में पाकिस्तान में आतंकी हमले 27 फीसदी घटे हैं।
पाकिस्तान में साल 2015 में 1,010 हमलों की वजह साल 2016 में 734 हमले हुए। पिछले साल पाकिस्तान इस लिस्ट में तीसरे स्थान पर था, पर भारत में बढ़े आतंकी हमलों ने उसे चौथे स्थान पर ढकेल दिया।
यूएस स्टेट डिपार्टमेंट ने नक्सलियों को भारत में सबसे बड़ा खतरा बताया है और दुनिया भर के आतंकी संगठनों में तीसरा सबसे खतरनाक संगठन माना। रिपोर्ट में बताया गया है कि अकेले सीपीआई(माओवादी) ने देश भर में 334 आतंकी हमलों को अंजाम दिया, जिसमें 174 लोगों की जानें गईं। भारत में आधे से अधिक आतंकी हमले 4 राज्यों जम्मू और कश्मीर, छत्तीसगढ़, मणिपुर और झारखंड में हुए।