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भारतीय सेना के पास महज 10 दिन की लड़ाई के लिए ही गोला-बारूद..

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 22 2017 10:08AM | Updated Date: Jul 22 2017 10:12AM
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नई दिल्‍ली। चीन और पाकिस्तान से चल रही तनातनी के बीच नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने संसद में एक रिपोर्ट पेश की है जिसमें भारतीय सेना के पास अपर्याप्त गोला-बारूद होने की बात बताई गई है। सीएजी ने शुक्रवार को पेश की गई अपनी रिपोर्ट में साफ बताया है कि पड़ोसी मुल्कों से जंग की स्थिति में भारत के पास 10 दिन लगातर लड़ने के लिए नाकाफी आर्मामेंट हैं। बता दें कि सीएजी सरकारी खातों का लेखा-जोखा रखने का काम संभालती है।  

भारतीय सेना की ये कमजोरी दुश्मनों के हौसलें बढ़ा सकती है। सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में भारतीय सेना के पुराने आर्मोमेंट रिकॉर्ड को बताते हुए उसकी बड़ी कमजोरी को पेश किया। दरअसल, सीएजी की रिपोर्ट के मुताबिक आर्मी हेडक्वॉर्टर ने 2009 से 2013 के बीच खरीदारी के जिन मामलों की शुरुआत की, उनमें अधिकतर जनवरी 2017 तक पेंडिंग थे।
 
यहां गौर करने वाली बात यह है कि भारतीय सेना के पास कम से कम इतना गोला-बारूद होना चाहिए, जिससे वह 20 दिनों के किसी सघन टकराव की स्थिति से निपट सके. हालांकि इससे पहले सेना को 40 दिनों का सघन युद्ध लड़ने लायक गोलाबारूद अपने वॉर वेस्टेज रिजर्व (WWR) में रखना होता था, जिसे 1999 में घटा कर 20 दिन कर दिया गया था। ऐसे में कैग की यह रिपोर्ट गोलाबारूद की भारी किल्लत उजागर करती है।
 
कैग की रिपोर्ट के मुताबिक, सितंबर 2016 में कुल 152 तरह के गोलाबारूद में केवल 31 ही 40 दिनों के लिए, जबकि 12 प्रकार के गोलाबारूद 30 से 40 दिनों के लिए, वहीं 26 प्रकार के गोलाबारूद 20 दिनों से थोड़ा ज्यादा वक्त के पर्याप्त पाए गए। इस रिपोर्ट में साथ ही कहा गया है कि इस बीच विस्फोटक और विध्वंस उपकरणों जैसे कुछ महत्वपूर्ण हथियारों का रिजर्व सुधरा है, लेकिन बेहतर फौजी ताकत को बनाए रखने के लिए जरूरी बख्तरबंद लड़ाकू वाहनों (AFV) और तोपों के लिए गोला बारूद चिंताजनक रूप से कम पाए गए।
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