नई दिल्ली। राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद ने जरूरी मत हासिल कर लिए हैं। कोविंद देश के 14वें राष्ट्रपति होंगे। कोविंद 25 जुलाई को राष्ट्रपति पद के लिए शपथ लेंगे। कोविंद ने 7,02,044 वोट हासिल किए हैं। वहीं मीरा को 3,67,314 ही वोट हासिल हुए। कोविंद को जीत के लिए 5,52,243 वोट चाहिए थे लेकिन उन्होंने इससे ज्यादा का आकड़ा पार किया।
30 रुपए के किराए के घर में रहते थे
उनको जानने वाले बताते हैं कि 1993 में कानपुर आये थे और कल्याणपुर इलाके के न्यू आजाद नगर में डॉ. आदित्य नारायण दीक्षित के घर में दो कमरों में किराए पर रहते थे। डॉ. आदित्य कानपुर के क्राइस्ट चर्च कालेज में फिजिक्स के प्रोफ़ेसर थे और दो कमरों के किराए के रूप में 30 रुपए देते थे।
12 साल बाद बनाया मकान
देश के होने वाले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद यहां के दो कमरों में 2005 तक यहां रहे है। इसके बाद कभी कभार ही उनका परिवार यहां आता था। किराए के मकान में 12 साल रहने के बाद राम नाथ कोविंद ने कल्याणपुर इलाके में इंद्रानगर के दयानन्द विहार में अपना मकान बनवा लिया और वहां शिफ्ट हो गए।
तीन भाइयों में सबसे छोटे
समय के साथ रामनाथ कोविंद राजनीति और कामकाज में मशगूल होते गए और उन्हें दिल्ली में ही ज्यादा वक्त गुज़ारना पड़ता था लेकिन कानपुर के लोगों के दिलों में उनकी अमिट छाप आज भी देखी जा सकती है। अपनी सादगी के लिए मशहूर रामनाथ कोविद ने अपने कानपुर वाले मकान को बारातशाला के रूप में दान कर दिया था। बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद तीन भाइयों में सबसे छोटे हैं। उनके भतीजे पंकज की झींझक बाजार में एक छोटी सी कपड़े की दुकान है।
अपना पैतृक मकान किया दान
कानपुर देहात परौख गांव में कोविंद अपना पैतृक मकान बारातशाला के रूप में दान कर चुके हैं। बड़े भाई प्यारेलाल व स्वर्गीय शिवबालक राम हैं। रामनाथ कोविंद इससे पहले प्रदेश अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी के साथ महामंत्री रह चुके हैं। अगस्त 2015 में बिहार के राज्यपाल के तौर पर भी उनके नाम की घोषणा अचानक ही हुई थी।कोविंद लगातार 12 वर्षों तक राज्यसभा सांसद रहे। वह भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी रहे हैं।
दलित वर्ग के महामंत्री भी रह चुके
बीजेपी दलित मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अखिल भारतीय कोली समाज अध्यक्ष भी रहे। वर्ष 1986 में दलित वर्ग के कानूनी सहायता ब्यूरो के महामंत्री भी रह चुके हैं। आईएएस परीक्षा में तीसरे प्रयास में मिली थी सफलता रामनाथ कोविंद की प्रारंभिक शिक्षा संदलपुर ब्लाक के ग्राम खानपुर परिषदीय प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय हुई।
आईएएस की परीक्षा तीसरे प्रयास में पास की
कानपुर नगर के बीएनएसडी से इंटरमीडिएट परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद डीएवी कॉलेज से बी कॉम व डीएवी लॉ कालेज से विधि स्नातक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद दिल्ली में रहकर आईएएस की परीक्षा तीसरे प्रयास में पास की। मुख्य सेवा के बजाय एलायड सेवा में चयन होने पर नौकरी ठुकरा दी। रामनाथ गोविंद एक साधारण परिवार से आते हैं उनके भतीजे पंकज की कानपुर देहात झींझक के पास कपड़ों की दुकान है।
वित्त मंत्री मोरारजी देसाई के निजी सचिव रहे
जून 1975 में आपातकाल के बाद जनता पार्टी की सरकार बनने पर वे वित्त मंत्री मोरारजी देसाई के निजी सचिव रहे थे। जनता पार्टी की सरकार में सुप्रीम कोर्ट के जूनियर काउंसलर के पद पर कार्य किया।
बिहार के राज्यपाल
बिहार के राज्यपाल और राष्ट्रति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद के दोस्त पेशे से किसान विजय पाल सिंह जिनकी उम्र इस समय करीब 71 साल है। उन्होंने रामनाथ के साथ बचपन में बिताये कुछ किस्से सुनाये। विजय पाल के मुताबिक वह कानपुर देहात के गांव परौंख में अपने परिवार के साथ रहते हैं। विजय अब अपने दोस्त से दिल्ली जाकर मिलने की इच्छा जता रहे हैं। कोविंद और विजय पाल का घर परौंख गांव में अगल-बगल ही है। कक्षा 1 से 5 तक दोनों साथ में पढ़े।