नई दिल्ली। देश को खुले में शौच की बुराई से मुक्त करने के मकसद से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शुरू किए गये स्वच्छ भारत मिशन में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के मामले उजागर हुए हैं। केन्द्रीय पेयजल एवं स्वच्छता राज्य मंत्री रमेश चंदप्पा जिगजिनागी ने आज यहां लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन सहित ग्रामीण विकास के सभी कार्यक्रमों की निगरानी के लिए जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समितियां -'दिशा' गठित की हैं जिसका अध्यक्ष लोकसभा सांसद तथा कलेक्टर सदस्य सचिव होता है।
उन्होंने बताया कि सरकार को स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांवों में शौचालय बनाए जाने को लेकर देश भर से शिकायतें मिलीं हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, झारखंड आदि 17 राज्यों से शिकायतें मिलीं हैं। इन शिकायतों में सरकारी धन के दुरुपयोग, शौचालय बनाने वालों को सरकारी अनुदान के भुगतान में रिश्वत मांगे जाने और अनुदान का फर्जी लोगों को भुगतान, कागजों में ही शौचालय निर्माण दिखा देने, शौचालय निर्माण के लिए आवंटित धन का अन्यत्र उपयोग आदि आरोप सामने आए हैं।
जवाब के साथ संलग्नक के अनुसार एक शिकायत इंदौर की भी शामिल है जिसमें जिले को खुले में शौच से मुक्त दिखाने के उद्देश्य से कागजों पर भी शौचालय निर्माण दिखाया गया है। उल्लेखनीय है कि लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन इंदौर से सांसद हैं। उन्होंने कहा कि इन आरोपों की दिशा समिति के माध्यम से जांच करायी जा रही है।