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गांधीजी की गोडसे से जान बचाने वाले स्वतंत्रता सेनानी का निधन

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 20 2017 11:34AM | Updated Date: Jul 20 2017 11:34AM
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नई दिल्‍ली। 1944 में नाथूराम गोडसे से महात्मा गांधी को बचाने वाले स्वतंत्रता सैनानी भिकू दाजी भिलारे का 98 वर्ष की उम्र में बुधवार को निधन हो गया। भिलारे को लोग ज्यादातर भिलारे गुरुजी के नाम से संबोधित किया करते थे। महाराष्ट्र के सतारा जिले की महाबलेश्वर तहसील में भिलारे जी का उनके गांव भेलर में अंतिम संस्कार किया गया। पंचगनी में नाथूराम गोडसे द्वारा महात्मा गांधी पर हमले के दौरान भिलारे ने ही गांधी जी को बचाया था। कई मीडिया समूहों को दिए अपने इंटरव्यूज़ में भिलारे ने दावा किया था कि पंचगनी में होने वाली महात्मा गांधी की प्रार्थना सभा में सभी को आने की इजाजत थी। जिस दिन गांधी जी पर गोडसे ने हमला किया उस दिन प्रार्थना सभा में ऊषा मेहता, प्यारेलाल, अरुणा आसफ अली समेत कई अन्य लोग वहां पर मौजूद थी।

गोडसे गांधी जी की तरफ एक चाकू से हमला करने के लिए आगे बढ़ा कि तभी भिलारे ने उसे पकड़ लिया। भिलारे ने इंटरव्यू में दावा किया था कि उन्होंने गोडसे का हाथ मोड़ दिया और उससे चाकू छीन लिया था। हिन्दुस्तान टाइम्स के अनुसार वह गांधी जी को मारने के लिए आया था लेकिन फिर भी उन्होंने गोडसे को छोड़ देने की बात कही थी। रिकोर्ड के अनुसार गांधी जी के पोते तुषार गांधी ने अपनी किताब पर भी इस मामले पर ध्यान केंद्रित किया लेकिन इस बात के कोई कागजी दस्तावेज नहीं है कि भिलारे ने गोडसे द्वारा गांधी जी पर हमला किए जाने के दौरान उनकी रक्षा की थी। तुषार ने अपनी किताब में भिलारे और मणिशंकर पुरोहित द्वारा गोडसे से गांधी को बचाने की बात कही गई है।

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