नई दिल्ली। देश की संसद से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। संसद की इस कैंटीन के खाने में मकड़ी मिली है। लोकसभा में एक अधिकारी के मुताबिक उन्होंने संसद में खाना ऑर्डर किया था जिसमें मकड़ी मिली। दो साल पहले संसद की कैंटीन में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी खाना खा चुके हैं।
मकड़ी देख दंग रह गए अधिकारी
दरअसल लोकसभा सचिवाल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कैंटीन में दाल का ऑर्डर दिया। लेकिन दाल की प्लेट में चम्मच घुमाने पर उसमें पड़ी मकड़ी देखकर वह दंग रह गए।
अधिकारी की तबीयत खराब
इस मामले में अधिकारी ने तुरंत संसद की फूड मैनेजमेंट कमिटी के चेयरमैन एपी जितेंद्र रेड्डी को शिकायत की। शिकायत में अधिकारी ने लिखा है कि इस जहरीली दाल को खाने से उनकी तबियत खराब हो गई है। अधिकारी ने संसदीय मामलों के मंत्री (राज्य) एसएस अहलूवालिया से भी इस मामले की शिकायत की है।
मरी हुई पड़ी थी मकड़ी
दाल में मकड़ी निकलने का यह मामला मंगलवार दोपहर लोकसभा के रिपोर्टिंग ब्रांच श्रीनिवासन के साथ करीब एक बजे हुआ। मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक श्रीनिवासन ने बताया कि दो बाइट खाने के बाद दाल में मकड़ी पड़ी देखकर वह दंग रह गए। उन्होंने देखा की काफी बड़ी
मकड़ी दाल में मरी हुई पड़ी है।
2016 में बढ़ाए थे खाने के दाम
गौरतलब है कि संसद की कैंटीन में खाने-पीने की चीजों के दाम 2016 की शुरुआत में बढ़ाए गए थे। 1 जनवरी 2016 से ही संसद कैंटीन में खाने के लिए तीन गुना अधिक कीमत चुकानी पड़ती है। पार्लियामेंट की कैंटीन को करीब 16 करोड़ रुपए की सब्सिडी मिलती थी जो 2016 में खत्म कर दी गई।
अब 90 रुपए में मिलती है खाने की थाली
इस बदलाव के चलते कैंटीन ने 'नो प्रॉफिट, नो लॉस' की नीति अपनाई थी। सब्सिडी खत्म करने के बाद 61 रुपए वाली थाली अब 90 रुपए में
मिलती है जबकि 29 रुपए में मिलने वाली चिकन करी 40 रुपए में मिलेती है। कीमतों में यह बढ़ोतरी सांसदों, लोकसभा और राज्यसभा के अधिकारी, मीडियाकर्मियों, सुरक्षा स्टाफ और साथ ही मेहमानों के लिए भी लागू होती हैं।
हालांकि, रोटी और चाय जैसी कुछ चीजों की कीमतों में बदलाव नहीं किया गया था। इसके अलावा व्यंजनों की संख्या भी घटा दी गई थी। जहां पहले 125 से 130 व्यंजन रोज पकाए जाते थे अब अमूमन प्रतिदिन 25 व्यंजन पकाए जाते हैं।