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मोदी बोले- बुके की जगह बुक दें, गृह मंत्रालय ने कहा- अब ऐसा ही स्‍वागत करें

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 18 2017 12:21PM | Updated Date: Jul 18 2017 12:28PM
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत में गुलदस्ता भेंट करने पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक आदेश जारी किया है। आदेश के मुताबिक, पीएम मोदी का स्वागत फूलों का गुलदस्ता देकर नहीं किया जाएगा। गृह मंत्रालय ने ये आदेश सभी राज्यों को जारी किए हैं। इस आदेश में यह भी कहा गया है कि अगर प्रधानमंत्री के स्वागत में खादी के रुमाल में रखा एक फूल दे दिया जाए तो बेहतर होगा। या फिर कोई किताब भी प्रधानमंत्री को भेंट की जा सकती है।
 
इस बाबत केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों से प्रधानमंत्री की इस इच्छा के अनुरूप ही उनका स्वागत करने के लिए अनुरोध किया है। पिछले सप्ताह गृह मंत्रालय द्वारा सभी राज्य सरकारों के मुख्य सचिव और संघशासित क्षेत्र के प्रशासकों को भेजे पत्र में प्रधानमंत्री के स्वागत संबंधी उनके अनुरोध का पालन सुनिश्चित करने को कहा गया है। 
 
..तब जारी किया यह निर्देश
प्रधानमंत्री की अपील के बावजूद उन्हें गुलदस्ता देने की परिपाटी बंद नहीं होने के बाद गृह मंत्रालय ने राज्यों को यह निर्देश जारी किया है। मंत्रालय ने राज्य सरकारों के सभी सक्षम प्राधिकारियों से प्रधानमंत्री के स्वागत संबंधी इस निर्देश का पालन सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है।
 
एक फूल या खादी का रुमाल भी देंगे तो चलेगा
मंत्रालय द्वारा भेजे पत्र में कहा गया है कि भारत के अंदर किसी भी राज्य के दौरे पर प्रधानमंत्री के स्वागत में संबद्ध राज्य सरकार के प्रतिनिधियों द्वारा उन्हें गुलदस्ता (बुके) भेंट स्वरूप न दिए जाएं। सर्वश्रेष्ठ तो यह होगा कि उन्हें गुलदस्ते के बजाय महज एक फूल ही दिया जाए। इतना ही नहीं,  मंत्रालय ने राज्य सरकारों से यह भी कहा है कि स्वागत के दौरान पीएम को फूल के साथ खादी का एक रुमाल या कोई एक पुस्तक भी अगर भेंट स्वरूप दी जाती है, तो इसमें कोई हर्ज नहीं होगा।
पढ़ने से ज्ञान मिलता है
 
इससे पहले केरल में गत 19 जून को पीएम मोदी ने ‘पीएन पनिक्कर नेशनल रीडिंग डे’ के आयोजन की शुरूआत करते हुए लोगों से भेंट स्वरूप बुके की बजाय बुक देने का नया शिष्टाचार शुरू करने की अपील की थी। कोच्चि में हर साल एक महीने तक चलने वाले इस आयोजन में उन्होंने कहा था कि पढ़ने से बेहतर कोई दूसरा आनंददायक काम नहीं है और पढ़ने से मिले ज्ञान से बढ़कर दूसरी कोई शक्ति नहीं है।
 
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