नई दिल्ली। इराक के मोसुल में 39 भारतीय लापता हो गए हैं। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि लापता भारतीय नागरिक शायद इराक की एक जेल में कैद हैं। उन्होंने कहा कि सूत्रों से सूचना मिली है कि मोसुल के पास स्थित बादुश गांव में एक जेल है, संभावना है कि भारतीय वहीं कैद हैं। विदेश मंत्री ने बताया कि बादुश गांव में इन दिनों लड़ाई जारी है, ऐसे में वहां का माहौल शांत होने के बाद ही लापता भारतीयों की तलाश की जा सकेगी। प्रेस कांफ्रेंस से पहले सुषमा स्वराज ने विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह और एमजे अकबर के साथ सभी लापता 39 भारतीयों के परिवारों से मुलाकात की। लापता हुए भारतीय नागरिकों का 2014 से ही कोई पता नहीं है। परिजनों को विदेश मंत्रालय के तीनों मंत्रियों से आश्वासन दिया कि वे उनके अपनों को सुरक्षित भारत लाने में उनकी हरसंभव मदद करेंगे। लापता भारतीयों में अधिकतर पंजाब के हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने कहा कि भारत ने मोसुल को ISIS के कब्जे से आजाद कराए जाने का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने लापता भारतीयों के मुद्दे का भी जिक्र किया। बागले ने कहा कि सिंह ने अरबिल में इराक के कई वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की थी और उनसे लापता भारतीयों का पता लगाने का आग्रह किया।
बागले ने कहा, हम उच्च स्तर पर बहुत गंभीरता से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि इराक के अधिकारियों ने भारत को बताया है कि उन्होंने अपने बलों को इस संबंध में जरूरी जानकारी और निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह भी कहा, ‘‘आतंकवाद के खिलाफ इराक की लड़ाई में भारत उसके समर्थन के लिए अडिग है।’’ बागले ने कहा कि मोसुल की आजादी के ऐलान के बाद सरकार ने कई चैनलों को भारतीयों का पता लगाने के लिए सक्रिय कर दिया था।