नई दिल्ली। देश के 14वें राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान शुरू हो गया है। चुनाव में बीजेपी नीत एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद का मुकाबला विपक्षी उम्मीदवार मीरा कुमार से है। पीएम नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, मुरली मनोहर जोशी समेत कई नेताओं ने वोट डाल दिया है। वहीं उत्तर प्रदेश में सीएम योगी ने भी वोट डाल दिया है।
संसद भवन के अलावा हर राज्य की विधानसभाओं में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान होगा। संसद के दोनों सदनों में जहां सांसदों की वोटिंग की व्यवस्था की गई है, वहीं राज्य विधानसभाओं में वहां के निर्वाचित सदस्य वोट डालेंगे. 20 जुलाई को फैसला आएंगा।
जमानत राशि कितनी भरनी पड़ती है ?
इस चुनाव में अपना नामांकन भरने के लिए उम्मीदवारों को चुनाव आयोग के पास अपने नामांकन पत्र के साथ 15000 रुपए जमानत राशि के तौर पर में जमा कराना होता है।
कैसे होता है राष्ट्रपति पद का चुनाव ?
हमारे देश में राष्ट्रपति का चुनाव एक इलेक्टोरल कॉलेज करता है, इसके सदस्यों का प्रतिनिधित्व वेटेज होता है।
नामांकन के लिए कितने प्रस्तावक हैं जरूरी ?
राष्ट्रपति पद का नामांकन भरने के लिए उम्मीदवार के पास मतदाताओं में से 50 प्रस्तावकों और उतने ही अनुमोदकों के हस्ताक्षर का होना जरूर होता है।
किसे है वोट देने का अधिकार?
राष्ट्रपति के चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों के साथ-साथ देश के सभी विधानसभा और विधान परिषद के चुने हुए सदस्य वोट दे सकते हैं। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि इस पूरी प्रक्रिया में नोमिनेटेड सदस्यों को वोट देने का अधिकार नहीं होता है।
'मोदी ने विपक्ष में पैदा कर दी दरार'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने अप्रत्याशित फैसले में दलित समुदाय के नेता और बिहार के पूर्व राज्यपाल कोविंद के नाम की घोषणा की तो विपक्ष ने भी इसी समुदाय का उमीदवार उतारने का फैसला किया और कुमार के नाम पर सहमति बनी। कोविंद को उमीदवार बनाकर मोदी ने विपक्ष में भी दरार पैदा कर दी। बिहार में महागठबंधन की सरकार का नेतृत्व कर रहे जनता दल यू ने कोविंद को समर्थन देने का फैसला किया। राष्ट्रपति चुनाव के लिए संसद भवन के अलावा सभी राज्यों के विधानमंडलों में मतदान सुबह 10:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक होगा। संसद के कक्ष संख्या 62 में मतदान होगा। राज्यों में भी चुनाव की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। सांसदों के मतपत्र हरे रंग और विधायकों और विधान पार्षदों के मतपत्र गुलाबी रंग के हैं। मतों की गिनती 20 जुलाई को पूर्वाह्न 11:00 बजे शुरू होगी। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है। नवनिर्वाचित राष्ट्रपति 25 जुलाई को अपना पद भार संभालेंगे।
'कोविंद-मीरा के पक्ष में हैं कितने वोट'
राष्ट्रपति का चुनाव ‘इलेक्टोरल कॉलेज’ द्वारा किया जाता है, जिसमें देश के सांसद एवं विधायक मतदान करते हैं। राष्ट्रपति चुनाव में कुल वोट के 48 फ़ीसदी वोट राजग के पास हैं। इनमें से 40 फ़ीसदी वोट केवल भाजपा का है। दूसरी तरफ़ अन्नाद्रमुक के पांच फ़ीसदी, बीजद के तीन प्रतिशत, टीआरएस के दो फ़ीसदी, जद यू के दो फ़ीसदी से कम और वाईएसआर कांग्रेस और इंडियन नेशनल लोकदल दोनों के मिलाकर 2 फ़ीसदी वोट हैं। इन सभी के मिलाकर 14 फ़ीसदी वोट हैं। इन पार्टियों ने भी राजग प्रत्याशी को समर्थन देने का फ़ैसला किया है। ऐसे में कोविंद के पक्ष में 62 फ़ीसदी से अधिक वोट हैं, जबकि कांग्रेस और उसके सहयोगियों के पास महज 34 फ़ीसदी वोट हैं।
क्या कहते हैं आंकड़े?
राष्ट्रपति चुनाव में कुल वोट 10,98,903 हैं। इन वोटों में 5,49,408 सांसदों के और 5,49,495 विधायकों के वोट हैं। राष्ट्रपति चुने जाने के लिए किसी भी उम्मीदवार को आधे से एक वोट अधिक होना चाहिए। आंकड़े बताते हैं कि भाजपा के पास 4,42,117, कांग्रेस के पास 1,61,478, तृणमूल कांग्रेस 63,847, तेलुगुदेशम पार्टी के 31,116, शिवसेना के 25, 893, समाजवादी पार्टी के 26,060, माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के 27,069 मत, बहुजन समाज पार्टी के 8,200, जद यू के 20,935 और राष्ट्रीय जनता दल के 18,796 मत हैं। द्रविड़ मुनेत्र कषगम के पास 18 हजार 352 मत, जबकि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के पास 15 हजार 857 मत हैं।