नई दिल्ली। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी 2019 के लोकसभा चुनाव में विपक्ष का चेहरा होंगे। यह कहना है पार्टी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया का। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को अक्टूबर में संगठनात्मक चुनाव प्रक्रिया के बाद पार्टी का प्रमुख भी बनाया जा सकता है। ऐसे में राजनीतिक गलियारों में सिंधिया के इस बयान के अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं।
सिंधिया ने कहा कि आत्मनिरीक्षण का समय अब खत्म हो गया है। पार्टी को 2019 के चुनावों में अपनी संभावनाओं को सुधारने के लिए जल्द ही एक योजना पर काम करना होगा। सिंधिया ने दावा किया कि 2019 में नरेंद्र मोदी सरकार को उसी तरह हार का सामना करना पड़ेगा, जैसे 2004 के चुनाव में अटल बिहारी वाजपेयी को 'भारत उदय' का नारा देने के बाद करना पड़ा था। जब सिंधिया से पूछा गया कि आने वाले आम चुनावों में पार्टी का चेहरा कौन होगा तो उन्होंने बताया, 'राहुल गांधी पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं और वह ही पार्टी का नेतृत्व करेंगे।'
इसके बाद उनसे पूछा गया कि क्या राहुल गांधी आने वाले चुनाव में बड़े विपक्ष का भी चेहरा होंगे तो सिंधिया ने कहा, 'मुझे ऐसा लगता है।' वहीं सिंधिया ने इस बात की भी संभावना जताई कि अक्टूबर में होने वाले संगठनात्मक चुनाव में राहुल गांधी को पार्टी का कमान सौंपी जा सकती है।
बता दें कि इसे लेकर पहले भी अटकलें लगाई जा चुकी हैं कि राहुल गांधी को अपनी मां सोनिया गांधी का पदभार संभालना चाहिए। सोनिया गांधी लंबे समय से पार्टी प्रमुख का काम कर रही हैं।
सिंधिया ने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार बातें करने में तो बेहद आगे है, लेकिन काम के मामले में बेहद कमजोर है। कांग्रेस नेता ने कहा, 'अब्राहम लिंकन ने कहा था कि आप सब लोगों को कुछ समय के लिए बेवकूफ बना सकते हैं, कुछ लोगों को हमेशा के लिए बेवकूफ बना सकते हैं, लेकिन आप हमेशा के लिए सबको बेवकूफ नहीं बना सकते।
'उन्होंने कहा कि सिर्फ बातें करने से कुछ नहीं होगा अगर जमीनी हकीकत अलग है। यह बिल्कुल 'इंडिया शाइनिंग' जैसा ही सपना है, जैसा आपने 2003-2004 में दिखाया था।