नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने देश के सभी प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) को अगले आदेश तक प्रवेश परीक्षा के बाद होने वाली काउंसलिंग और दाखिला नहीं करने का आदेश दिया है। कोर्ट के इस फैसले का असर 50455 स्टूडेंटस पर पड़ेगा।
बता दें कि इस परीक्षा में ग्रेस मार्क्स देने को पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने केंद्र सरकार और IIT मद्रास को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। हालांकि, रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस ए. एम. खानविलकर ने IIT में काउंसलिंग और दाखिले के संबंध में दायर होने वाली किसी भी रिट याचिका को स्वीकार करने पर सभी हाई कोर्ट पर प्रतिबंध लगा दिया है।
शीर्ष कोर्ट ने सभी हाई कोर्टों के समक्ष लंबित याचिकाओं और IIT-JEE-2017 की रैंक लिस्ट तथा परीक्षा में शामिल होने वाले सभी अभ्यर्थियों को ग्रेस मार्क्स देने को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं की जानकारी मांगी है। मामले की अगली सुनवाई 10 जुलाई को होगी।
IIT-JEE-2017 की रैंक सूची रद्द करने संबंधी अर्जी पर कोर्ट ने 30 जून को 'एचआरडी' मंत्रालय को नोटिस जारी किया था।
IIT में दाखिले की इच्छुक ऐश्वर्या अग्रवाल ने कोर्ट से इस पर निर्देश देने का अनुरोध करते हुए कहा था कि JEE (एडवांस) 2017 में शामिल विद्याथिर्यों को 'बोनस अंक' देने का फैसला उसके और अन्य विद्यार्थियों के अधिकारों का उल्लंघन है।