नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर डिग्री और नौकरी पाने वालों के खिलाफ सख्त रूख अपनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फर्जी जाति प्रमाणपत्र का इस्तेमाल कर हासिल की गई नौकरी या शिक्षण संस्थानों में लिए गए प्रवेश को अवैध माना जाएगा। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जेएस खेहर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड की पीठ ने इस संदर्भ में बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले को सही नहीं ठहराया जिसने कहा था कि यदि कोई व्यक्ति बहुत लंबे समय से नौकरी कर रहा है और बाद में उसका प्रमाणपत्र फर्जी पाया जाता है तो उसे सेवा में बने रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार द्वारा दायर याचिका सहित विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को यह फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने हालांकि कहा कि इस आदेश को पिछली तारीख से लागू नहीं किया जा सकता है यह फैसला भविष्य में आने वाले मामलों में ही प्रभावी होगा।