नई दिल्ली। देश में शादी का रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य हो सकता है। इतना ही नहीं अगर रजिस्ट्रेशन शादी के 30 दिन के भीतर नहीं कराया तो हर दिन के हिसाब से जुर्माना भी लग सकता है। लॉ कमिशन ने सिफारिश की है कि हर धर्म में शादी का रजिस्ट्रेशन जरूरी हो। साथ ही रजिस्ट्रेशन के लिए आधार का ही इस्तेमाल हो। कमिशन की दलील है कि इससे डाटा ट्रैक करने में आसानी होगी।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने देश में शादियों के रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य बनाने की बात कही थी। इसी पर केंद्र लॉ कमिशन से सुझाव मांगे थे। लॉ कमिशन ने सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। कमिशन सरकार से इस सबंध में कानून बनाने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने 2006 में ही विवाह के रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य करने का आदेश दिया था। कुछ राज्य सरकार पहले ही कानून बनाकर अपने यहां विवाह के रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य बना चुके हैं। पिछले महीने यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने भी सभी धर्म के लोगों के विवाह का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करने का फैसला लिया था।