नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आश्चर्य जताया कि जीएसटी दरों को लेकर महज कुछ व्यापारी ही शोर क्यों मचा रहे हैं जबकि कराधान का बोझ अंतत: तो उपभोक्ताओं पर पड़ता है।
जेटली ने कहा कि माल एवं सेवा कर के बारे में उपभोक्ता शिकायत नहीं कर रहे हैं क्योंकि सरकार ने जीएसटी दरें तर्कसंगत स्तरों पर रखी हैं। उन्होंने कहा, 'पूरे देश में कहीं भी कोई उपभोक्ता शिकायत नहीं कर रहा है क्योंकि हमने करों की श्रेणियां ताकर्कि बनाने का प्रयास किया है। तो क्यों एक या दो व्यापारी शिकायत कर रहे हैं व्यापारियों को कर नहीं भरना पड़ता, कर उपभोक्ता देता है।'
जीएसटी की एक या दो दर के सुझाव को फिलहाल खारिज करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि भविष्य में ऐसा जरूर हो सकता है। जेटली ने कहा कि तब 12 और 18 फीसदी की श्रेणी को मिलाकर एक श्रेणी बनाई जा सकती है।
उन्होंने कहा कि लेकिन अगर हम 15 फीसदी की एक दर से जीएसटी लागू करेंगे तो टैक्स छूट वाली वस्तुएं भी महंगी हो जाएंगी, जिनका इस्तेमाल गरीब भी करते हैं। यह सही नहीं होगा। मालूम हो कि जीएसटी में 5, 12, 18 और 28 फीसदी टैक्स की चार दर तय की गई हैं।
जेटली ने कहा कि जीएसटी का फैसला पूरे देश का है। सभी राज्य सरकार ने सहमति से मिलकर यह फैसला लिया है। उन्होंने यह भी कहा कि जब कोई बदलाव होता है तो थोड़ी बहुत तकनीकी समस्याएं आती ही हैं, लेकिन चिंता की कोई बात नहीं है।