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'गुड एंड सिंपल टैक्स है जीएसटी' पढ़ें पीएम मोदी की खास बड़ी बातें

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 1 2017 11:20AM | Updated Date: Jul 1 2017 11:20AM
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नई दिल्‍ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद भवन से आजादी के सबसे बड़े सुधार के लिए जीएसटी लॉन्च पर कहा कि यह नई कर व्यवस्था गरीबों के लिए समर्पित है। देश में आज आधी रात से नई टैक्स व्यवस्था लागू हो गई।

पीएम मोदी के भाषण की मुख्‍य बातें- 
1. मोदी ने कहा कि राष्ट्र के निर्माण में कुछ ऐसे पल भी आते हैं जिसमें हम किसी नए मोड़ पर जाते हैं। आज इस मध्य रात्रि से हम देश के आगे का मार्ग सुनिश्चित करने जा रहे हैं। 
2. सवा सौ करोड़ देशवासी इस ऐतिहासिक घटना के साक्षी हैं। 
3. संघीय ढांचे के नई व्यवस्था के लिए संसद से पवित्र स्थान और कोई नहीं हो सकता इसलिए आज हम जीएसटी को इस पवित्र स्थान से लॉन्च किया। आज आजादी के कई वर्षों बाद हम एक नई अर्थव्यवस्था के लिए हम यहां मौजूद हैं। 
4. सटी की प्रक्रिया सिर्फ अर्थव्यवस्था के दायरे तक सीमित नहीं। यह भारतीय संघीय ढांचे के लिए बहुत बड़ा अवसर है। 
5.देश में अलग-अलग तरह के करीब 500  से ज्यादा टैक्स थे जिनसे आज देश को मुक्ति मिल रही है। अब एक देश और एक टैक्स व्यवस्था का सपना साकार होगा। 
6. यह किसी एक सरकार का नहीं बल्कि हम सबके साझा प्रयास के जरिए सफल हुआ है। यह किसी एक दल की सिद्धि नहीं बल्कि हम सबकी साझा विरासत है। 
7.जीएसटी से आर्थिक एककीकरण का काम होगा।
8. मोदी ने कहा कि इस नई कर व्यवस्था से ईमानदार व्यापारी को कोई परेशानी नहीं होगी। सवा सौ करोड़ देशवासी इस ऐतिहासिक घटना के साक्षी हैं। जीएसटी से कच्चे बिल और पक्के बिल का खेल खत्म होगा। 
9. संविधान निर्माण 2 साल 17 दिन तक चला था। जीएसटी भी लंबी विचार प्रक्रिया का परिणाम है। सभी राज्य समान रूप से केंद्र सरकार   
10. गीता के भी 18 अध्याय थे, जीएसटी के लिए भी 18 बैठकें हुईं। एक लंबी प्रक्रिया थी, शंका-आशंका, राज्यों की ओर से थी।   
11. हिंदुस्तान के सभी राज्यों को सामान विकास में मदद मिलेगी चाहे वह नॉर्थ-ईस्ट के ही राज्य क्यों न हो। 
12. पहले 17 तरीके के टैक्स लगता था, अब एक ही कर व्यवस्था लागू। 
13. चाणक्य ने कहा था कि कोई व्यक्ति कितनी ही दूर क्यों न हो, कठिन परिश्रम से उसे प्राप्त किया जा सकता है। 
14. 15.500 से ज्यादा रियासतें थीं, देश को मिलाकर एकीकरण न किया गया होता, भारत का राजनीतिक मानचित्र कैसा होता, सरदार वल्लभपाई पटेल ने जिस तरह देसी रियासतों को मिलाकर एकीकरण का बड़ा काम किया था ठीक उसी तरह जीएसटी ने भी इस देश में एकीकरण की बड़ी मिसाल पेश की है। 
15. गंगानगर से ईटानगर और लेह से लक्षदीप तक एक कर व्यवस्था अव्यवस्था से मुक्ति का मार्ग प्राप्त होगा। 
16. जीएसटी सिर्फ ईज ऑफ डूइंग बिजनेस नहीं है वे ऑफ बिजनेस है। आर्थिक रिफॉर्म से ज्यादा सामाजिक रिफॉर्म है जीएसटी। 
17. कानून की भाषा में जीएसटी गुड्स एंड सर्विस टैक्स के तौर पर जाना जाता है लेकिन सामान्य भाषा में गुड एड सिंपल टैक्स है जीएसटी । 
18. पुरुषार्थ, दिमाग की जितनी भी शक्ति उपयोग में लायी जा सकती थी।
19. अल्बर्ट आइंस्टीन ने कहा था कि इनकम टैक्स समझना दुनिया की सबसे कठिन चीज था।  राज्यों के अलग-अलग टैक्स के कारण असामनता दिखती है। इन सारी विविधताओं के कारण नागिरकों में कंफ्यूजन रहती थीं। आज हम कंफ्यूजन के इस माहौल को खत्म कर मुक्ति की ओर आगे बढ़ रहे हैं। 
20. जीएसटी में गरीबों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है इससे गरीबों का भला होगा। 
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