अहमदाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरूवार को कहा कि गोरक्षा के नाम पर लोगों की हत्या स्वीकार नहीं है। पीएम ने यह बात महात्मा गांधी के गुरू श्रीमद राजचंद्रजी की 150वीं जयंती के मौके पर मोदी ने अहमदाबाद के साबरमती आश्रम में संबोधन के दौरान कही।
उनकी यह टिप्पणी कथित गोरक्षकों द्वारा किए गए हालिया हमलों और विरोध में आई है। पीएम ने कहा, भीड़ की हिंसा किसी भी समाज में स्वीकार्य नहीं हो सकती। उन्होंने कहा, देश में किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है।
किसी को हाथ में लेने कानून का हक नहीं
नरेंद्र मोदी ने कहा कि गाय के नाम पर कानून किसी को हाथ में लेने का हक नहीं है। क्या हमें गाय के नाम पर किसी इंसान को मारने का हक मिल जाता है? क्या ये गो-भक्ति है? क्या ये गोरक्षा है? मोदी ने कहा कि दूसरों के खिलाफ हिंसा करना राष्ट्रपिता के आदर्शों के विरूद्ध है।
गांधी के सपनों का भारत बनाए
उन्होंने कहा, गौ भक्ति के नाम पर लोगों की हत्या स्वीकार नहीं है। इसे महात्मा गांधी कभी स्वीकार नहीं करते। पीएम ने कहा, चलिए सभी मिलकर काम करें। महात्मा गांधी के सपनों का भारत बनाते हैं। एक ऐसा भारत बनाते हैं जिस पर हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को गर्व हो।
प्रधानमंत्री का यह बयान गोरक्षा के नाम पर हिंसा की बढ़ती घटनाओं की पृष्ठभूमि में आया है। पिछले दिनों मथुरा जा रही एक ट्रेन में एक मुस्लिम युवक की कुछ लोगों ने हत्या कर दी थी। हमला करने वालों ने युवक और उसके साथ के लोगों पर फब्तियां कसी तथा उनको 'गोमांस खाने वाले' और 'देशद्रोही ' कहा।
हिंसा समस्या का समाधान नहीं
मोदी ने कहा, हिंसा से कभी किसी समस्या का समाधान नहीं हुआ और न होगा। एक समाज के तौर पर हमारे यहां हिंसा के लिए कोई स्थान नहीं है। भीड़ द्वारा लोगों की पीट-पीटकर हत्या किए जाने के विरोध में कल देश के कई स्थानों पर 'नॉट इन माई नेम ' नाम से प्रदर्शन हुए थे जिनमें हजारों लोग शामिल हुए।
मोदी ने दिए उदाहरण
पीएम मोदी ने गुरुवार को अहमदाबाद में कहा, ''देशवासियों से मन की एक बात कहना चाहता हूं। मैं देश के मौजूदा हालात की ओर अपनी पीड़ा व्यक्त करता हूं।
जो देश चींटी को भी खिलाने में विश्वास करता हो, जो देश मोहल्लों में फिरने वाले कुत्तों को भी खिलाने की फिक्र करता हो, जहां सुबह ही मछलियों को खिलाने की परंपरा रहीं हो और जिसे गांधीजी ने अहिंसा का का पाठ पढाया हो।
वहां मरीज की मौत पर अस्पताल में आग लगाई जा रहा हो, दुर्घटना होने पर चालक को मार दिया जा रहा हो, गौ रक्षा के नाम पर इंसान को मार दिया जा रहा है। इसका हक किसी को नहीं है।' उन्होंने कहा कि अगर गौ भक्ति करनी है तो उसके लिए विनोबा भावे और गांधी जी का मॉडल अपनाया जाना चाहिए। किसी को भी इसके लिए कानून हाथ में लेने का हक नहीं है।