नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के पीएसएलवी-सी38 रॉकेट ने शुक्रवार को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से पृथ्वी सर्वेक्षण उपग्रह कार्टोसैट-2 श्रेणी का उपग्रह आई इन द स्काई को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। कार्टोसैट-2 उपग्रह चीन और पाक सीमा पर होने वाली प्रत्येक गतिविधि पर नजर रखेगा और इससे भारत की सैन्य शक्ति में इजाफा हुआ है।
इसरो के सूत्रों के मुताबिक मिलिट्री द्वारा उपयोग किए जाने वाले 13 सैटेलाइट्स में कार्टोसैट-1, 2 सीरीज और रीसैट-1 और रीसैट-2 भी शामिल हैं। इसके साथ ही भारतीय नौसेना अपने युद्धपोतों के बीच रीयल टाइम कम्युनिकेशन के लिए जीसैट-7 का भी उपयोग करती है।
बेहद छोटी चीजों की खींच सकता है साफ तस्वीर
हाल ही में लॉन्च किए गए 712 किलोग्राम के कार्टोसेट-2 सीरीज का स्पेसक्राफ्ट एडवांस रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट है, जो किसी विशेष स्थान की साफ तस्वीर खींचने में बेहद कारगर है। कार्टोसेट-2 0.6 मीटर गुणा 0.6 मीटर के वर्ग में मौजूद किसी भी चीज की बेहद साफ और स्पष्ट तस्वीर खींच सकता है।
भारत ने एंटी सैटेलाइट वेपन लॉन्च करने की भी क्षमता हासिल कर ली है। एंटी सैटेलाइट वेपन दुश्मनों के सैटेलाइट्स को ध्वस्त कर सकता है। अब तक केवल अमेरिका, रूस और चीन ही यह क्षमता हासिल कर पाए हैं। हालांकि अभी तक इसरो की इस तरह की कोई योजना नहीं है कि वो एंटी-सैटेलाइट वेपन प्रोजेक्ट को शुरू करे। बाहरी हिस्से के सैन्यीकरण से सदस्य देशों को रोकता है।'