नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 33वीं बार देशवासियों के साथ 'मन की बात' की। पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम की शुरुआत देशवासियों को ईद की शुभकामना के साथ की। उन्होंने कहा कि रमजान के महीने में मुबारकपुर के मुसलमान भाईयों ने अपने खर्चे पर शौचालय बनवाकर मिसाल पेश की है। इसके बाद पीएम मोदी ने इमरजेंसी के दिनों को याद किया। पीएम ने कहा कि 1975 की इमरजेंसी को कोई भूल नहीं सकता, पूरा देश जेल बन गया था।
इमरजेंसी को कोई भूल नहीं सकते
इमरजेंसी के दौरान अखबारों को बेकार कर दिया गया। 25 जून, 1975 की रात भारतीय लोकतंत्र के लिए काली रात थी। इमरजेंसी के दौरान अटलजी जेल में थे। उस रात को कोई भारतवासी, कोई लोकतंत्र प्रेमी भुला नहीं सकता। एक प्रकार से देश को जेलखाने में बदल दिया गया था। विरोधी स्वर को दबोच दिया गया था। जयप्रकाश नारायण सहित देश के गणमान्य नेताओं को जेलों में बंद कर दिया था। इस दौरान पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कविता भी पढ़ी, जो उन्होंने उस दौर में लिखी थी।
योग दिवस पर पूरा विश्व योगमय हुआ
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि 21 जून को पूरा विश्व योगमय हो गया। लोगों ने सुबह सूरज की किरणों का स्वागत योग के माध्यम से किया। आज योग ने विश्व को एक के धागे में बांध दिया है। दुनिया के लगभग सभी देशों ने योग को अपना लिया है। चीन में द ग्रेट वॉल ऑफ चीन पर लोगों ने योग किया। पेरू में वर्ल्ड हैरिटेज साइट पर माचू पिच्चू पर लोगों ने योग किया। फ्रांस में एफिल टॉवर और यूएई में अबू धाबी में 4000 से अधिक लोगों ने सामूहिक योग किया। मुझे भी लखनऊ में योग समारोह में भाग लेने का मौका मिला, लेकिन मुझे भी पहली बार बारिश में योग का अभ्यास करने का सौभाग्य मिला।
स्वस्छता पर हुई मुझे खुशी
स्वच्छता पर पीएम ने कहा कि मुझे खुशी है कि आज स्वच्छता सरकारी कार्यक्रम नहीं रहा है। ये जन समाज का, जन-सामान्य का एक आंदोलन बनता चला जा रहा है। आप जानकर खुश हो जाएंगे कि जनता-जनार्दन और शासन ने मिलकर 100 घंटे में 10000 शौचालय बनाने का काम सफलतापूर्वक पूर्ण किया। 71 गांव ODF हो गए। ये घटना आंध्र प्रदेश के विजयनगरम जिले की है। हम जानते हैं कि व्यक्ति के जीवन में, समाज के जीवन में कुछ भी अच्छा करना है, तो कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। स्वच्छता का भी विषय ऐसा ही है।