जम्मू। जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाजों को आर्मी चीफ बिपिन रावत का अहम बयान सामने आया है। रावत ने कहा, मैं मानवाधिकार में यकीन रखता हूं और कश्मीर में हालात पर जल्द काबू पा लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सेना की कार्रवाई हालात के मताबिक होती है।
सेना प्रमुख कहा कि, कश्मीर के अनंतनाग जिले में आतंकियों द्वारा घात लगाकर किये गये हमले में जम्मू-कश्मीर पुलिस के छह पुलिसकर्मी शहीद हो गए। आतंकियों ने ये बड़ा हमला दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के अच्छाबल में किया। जब पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी से वापस शाम सात बजे सुमो में लौट रहे थे तब घात लगाकर बैठे आतंकियों ने पुलिस पेट्रोल टीम पर हमला बोला और अंधाधुंध फायरिंग कर 6 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी। वहीं शुक्रवार को सेना ने कुलगाम के अरवानी में तीन आतंकवादियों को ढेर कर दिया, जिनमें से एक लश्कर आतंकी जुनैद मट्टू भी है। ऑपेशन के दौरान यहां स्थानीय लोगों ने सुरक्षाबलों पर हजारों की तादाद में पत्थरबाजी की।
जनरल रावत ने कहा था कि लोग हम पर पथराव कर रहे हैं, पेट्रोल बम फेंक रहे हैं। ऐसे में जब मेरे कर्मी मुझसे पूछते है कि हम क्या करें तो क्या मुझे यह कहना चाहिए कि बस इंतजार करिए और जान दे दीजिए? मैं राष्ट्रीय ध्वज के साथ एक अच्छा ताबूत लेकर आउंगा और सम्मान के साथ शव को आपके घर भेजूंगा। प्रमुख के तौर पर क्या मुझे यह कहना चाहिए? मुझे वहां तैनात सैनिकों को मनोबल बनाए रखना है। जनरल रावत ने कहा, वास्तव में मैं चाहता हूं कि ये लोग हम पर पथराव करने की बजाय हथियार चलाएं। तब मैं खुश होता। तब मैं वह करता जो मैं जम्मू कश्मीर में लंबे समय तक काम कर चुके जनरल रावत ने कहा कि किसी भी देश में लोगों में सेना का भय खत्म होने पर देश का विनाश हो जाता है।